नई दिल्ली:देश भर में साइबर अपराध जिस तरीके से बढ़ रहे हैं, उसने सबको हैरान-परेशान कर दिया है. जालसाज रोज नये तरीकों से लोगों के बैंक खाते में सेंध लगा रहे हैं. बीते कुछ दिनों में जालसजों ने बिना ओटीपी के लोगों के बैंक खाते में सेंध लगाना शुरू कर दिया है. साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से लोग बच सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी होंगी.
जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले सीएजी के अधिकारी के बैंक खाते से चार लाख रुपये से ज्यादा की रकम निकाल ली गई थी. जालसाज ने यह रकम उनके खाते से जब निकाली तो उनके मोबाइल पर ओटीपी तक नहीं आया. उनकी शिकायत पर पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली, लेकिन जालसाज का कोई सुराग उन्हें नहीं मिला. इसी तरह की कई वारदातें राजधानी में लोगों के साथ हुई है. अधिकांश लोगों को यह लगता है कि बिना ओटीपी के उनके खाते से कोई रुपये नहीं निकाल सकता. लेकिन इन जालसाजों द्वारा की गई ऐसी वारदातों ने साइबर एक्सपर्ट को भी हैरान कर दिया है. कभी वह मोबाइल हैक कर आपके खाते में सेंध लगाते हैं तो कभी कार्ड की जानकारी चुराकर.
साइबर अपराधियों का स्वर्णिम युग
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि दुनियाभर में साइबर अपराध बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. ऐसे में कोरोना संक्रमण काल साइबर जालसाजों के लिए स्वर्णिम युग बनकर आया है. कोरोना संक्रमण की शुरुआत होने के साथ ही यह जालसाज तेजी से अपराध कर रहे हैं. पहले जहां यह अपराधी लोगों से विभिन्न बहाने से ओटीपी लेकर उनके बैंक खाते में सेंध लगाते थे, तो वहीं अब बिना ओटीपी के भी वह लोगों के खाते में सेंध लगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा देखने में आता है कि कुछ ट्रांजेक्शन में केवल कार्ड नंबर एवं सीवीवी नंबर की आवश्यकता होती है. ऐसे में अपराधी अगर आपका कार्ड नंबर एवं सीवीवी नंबर ले लेता है तो वह आपके खाते में सेंध लगा देंगे.