नई दिल्ली:सीबीआई, क्राइम ब्रांच एवं आयकर अधिकारी बनकर वारदात करने वाले ईरानी गैंग (Irani gang) के बदमाश पुलिस से बचने के लिए अपनी पत्नी का सहारा ले रहे हैं. उन्होंने पुलिस को चकमा देने के लिए अपराध में पत्नी को पार्टनर बना लिया है. ठगे गए सोने को वह अपनी पत्नी के माध्यम से ज्वेलर को बिकवाते हैं. ऐसे में उनके पकड़े जाने पर भी पुलिस को यह जानकारी नहीं मिलती कि सोना कहां बेचा गया. क्योंकि इसकी जानकारी आरोपी के पास होती ही नहीं है.
जानकारी के अनुसार बाड़ा हिंदूराव (Bada Hindurao) इलाके में 10 जून को ईरानी गैंग ने वारदात को अंजाम दिया. इसमें ऑटो में जा रहे जौहरी के कर्मचारी को इस गैंग ने क्राइम ब्रांच के कर्मचारी बनकर रोका और उससे आभूषण (jewelry) के दस्तावेज दिखाने को कहा गया. जिसमें वह दस्तावेज नहीं दिखा सका, तो आरोपी उसके पास मौजूद 915 ग्राम सोने के गहने (gold jewelry) लेकर वहां से फरार हो गए.
इस बाबत बाड़ा हिंदूराव थाने (Bada Hindurao police station) में एफआईआर दर्ज की गई थी. क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि इस वारदात को अंजाम देने वाला शख्स भोपाल में मौजूद है. इस जानकारी पर क्राइम ब्रांच (Crime branch) की टीम ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया. उसने अपने तीन अन्य साथियों के नाम भी बताए, लेकिन आरोपी के पास से सोना बरामद नहीं हुआ.
सोना बेचने की जिम्मेदारी पत्नी को दी
पूछताछ के दौरान जब आरोपी से सोने के बारे में जानकारी मांगी गई, तो वह कुछ नहीं बता सका. उसने क्राइम ब्रांच को बताया कि उनके गैंग के सदस्य ठगे गए सोने को बेचने का काम नहीं करते हैं. यह काम वह अपने किसी सदस्य की पत्नी को सौंपते हैं. जिसमें महिला किसी जौहरी के पास जाकर सोने को बेचकर आ जाती है.
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इससे मिलने वाली राशि को वह आपस में बांट लेते हैं. वह महिला से उस जौहरी के बारे में बात नहीं करते, जहां उसने सोना बेचा है. इसकी वजह से उनके पास इसकी जानकारी नहीं होती. पुलिस अगर रिमांड पर लेकर उनसे सख्ती भी बरतें, तो भी वह जौहरी के बारे में नहीं बता पाएंगे. वहीं अगर पुलिस उनकी पत्नी को पकड़ लेती है, तो महिला होने के नाते उससे सख्ती नहीं बरती जाती. यह सोचकर उन्होंने अपनी पत्नी को गैंग का हिस्सा बना लिया है.