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काला जठेड़ी के प्यार में रिवॉल्वर रानी को मिला 'मकोका का तोहफा'

अनुराधा उर्फ लेडी डॉन उर्फ रिवाल्वर रानी को गैंगस्टर से प्यार करने की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है. दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी मकोका के तहत की है.

अनुराधा पर मकोका
अनुराधा पर मकोका

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Published : Aug 7, 2021, 6:32 PM IST

नई दिल्लीःप्यार में प्रेमी अपनी प्रेमिका को बेशकीमती तोहफे देते हैं. यही प्यार अगर गैंगस्टर का हो, तो तोहफा भी सजा के तौर पर मिलता है. ऐसा ही काला जठेड़ी की प्रेमिका अनुराधा उर्फ लेडी डॉन उर्फ रिवाल्वर रानी के साथ हुआ. काला जठेड़ी की वजह से स्पेशल सेल ने, उसकी गिरफ्तारी भी मकोका के तहत कर ली है. मकोका संगठित तौर पर अपराध करने वाले लोगों पर लगाया जाता है. इसमें कई वर्षों तक जमानत भी नहीं मिलती है.


जानकारी के अनुसार, अनुराधा का असली नाम अनुराग चौधरी है. उसने एमबीए के साथ एमफिल की भी पढ़ाई की है. वह शेयर मार्केट में अच्छा कारोबार कर रही थी, लेकिन साथियों ने उसे धोखा दिया. वह कई बार शिकायत करने पुलिस के पास गई, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. वह राजस्थान के कुख्यात बदमाश आनंदपाल सिंह के साथ अपराध की दुनिया में आ गई. उस पर अपहरण, फिरौती मांगने, धमकाने, आर्म्स एक्ट आदि के 10 से ज्यादा मामले दर्ज हो गए. उसे आनंदपाल का सबके करीबी माना जाता था. राजस्थान में, वह लेडी डॉन के नाम से मशहूर हो चुकी थी. राजस्थान पुलिस ने एनकाउंटर में आनंद पाल को मार दिया. इसके बाद वह बेसहारा हो गई थी.

रिवॉल्वर रानी को मिला 'मकोका का तोहफा'

आनंदपाल से लारेंस बिश्नोई की नजदीकियां थी, इसलिए उसने अनुराधा को सहारा दिया. फरवरी 2020 में, उसने काला जठेड़ी को पुलिस हिरासत से फरार करवाया. इसके बाद, उसने काला जठेड़ी से कहा कि वह अनुराधा का ख्याल रखे. काला जठेड़ी बीते नौ माह से, उसके साथ लिव-इन में रहता था. उसने पुलिस के समक्ष दावा किया कि दोनों एक-दूसरे से प्यार करते हैं. उन्होंने मंदिर में शादी भी कर ली है, लेकिन यह प्यार अनुराधा को बहुत महंगा पड़ा. काला जठेड़ी का साथी बनने की वजह से गिरफ्तारी के बाद उस पर मकोका का मामला लग गया है. भले ही दिल्ली की सीमा में, उसने भले ही कोई अपराध नहीं किया.

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अधिवक्ता यश प्रकाश ने बताया कि संगठित अपराध पर लगाम लगाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) वर्ष 1999 में बनाया था. दिल्ली पुलिस भी संगठित अपराध के लिये इस कानून का इस्तेमाल करती है. बड़े गैंगस्टर नीरज बवाना, नासिर, जितेंद्र गोगी, मंजीत महाल, लारेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी आदि पर, इसी कानून के तहत एफआईआर की गई है. इसके तहत एफआईआर होने पर पांच साल तक आरोपी को जमानत मिलना मुश्किल होता है. वह लंबे समय तक जेल में रहता है, जिससे उसके द्वारा हो रहे अपराधों पर लगाम लगती है. बीते पांच सालों में दिल्ली के भीतर इस कानून का इस्तेमाल अपराध पर लगाम लगाने के लिए तेजी से बढ़ा है.

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अधिवक्ता यश प्रकाश ने बताया कि मकोका किसी एक शख्स पर नहीं, बल्कि पूरे गैंग पर लगती है. काला जठेड़ी के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते समय लारेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, संपत नेहरा सहित पूरे गैंग पर मकोका लगाई है. स्पेशल सेल द्वारा गिरफ्तार अनुराधा चौधरी उर्फ रिवाल्वर रानी भी, अब इस गैंग का हिस्सा है. वह बीते नौ महीने से काला जठेड़ी के साथ थी. उसकी सहयोगी होने के चलते, उस पर मकोका लगा है.

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