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जमीन बेचने वाले को दिए 16 करोड़ के बाउंस चेक, निदेशक हुआ गिरफ्तार - दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (delhi police Economic Offenses Wing) ने बाउंस चेक देकर प्रॉपर्टी की खरीद करने के आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी ने गाजियाबाद में 55 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी थी.

निदेशक हुआ गिरफ्तार
निदेशक हुआ गिरफ्तार

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Published : Jan 1, 2022, 8:17 PM IST

नई दिल्लीःगाज़ियाबाद में बिल्डर ने 55 करोड़ रुपये की एक प्रॉपर्टी खरीदी और लगभग 23 करोड़ रुपये उस कंपनी को चेक से पेमेंट दी. उन्होंने जब चेक जमा करवाये तो 27 करोड़ रुपये के चेक बाउंस हो गए. आर्थिक अपराध शाखा (delhi police eow) ने इस मामले में स्काई हाई इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनिल गोयल को गिरफ्तार कर लिया है.


संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के अनुसार, स्काई हाई इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने एक प्लॉट खरीदने के लिए गाजियाबाद की एक प्रॉपर्टी के लिए 57.55 करोड़ रुपए में डील की थी. इस प्रोजेक्ट को मरीना सूट के नाम से डेवलप किया जाना था. 2015 में आरोपी कंपनी ने पीड़ित कंपनी के साथ प्राथमिक सेल डीड कर ली. पूरी पेमेंट लेने के बाद उन्हें फाइनल सेल डीड बनानी थी. डायरेक्टर अनिल गोयल ने पीड़ित की कंपनी को बताया कि वह पोस्ट डेटेड चेक पर यह जमीन लेना चाहते हैं. सेल डीड पर यह चेक लिखे जाएंगे और वह पास हो जाएंगे.

आर्थिक अपराध शाखा


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उन पर विश्वास करते हुए 2018 में पीड़ित की कंपनी ने सेल डीड उनके नाम कर दी. पीड़ित को मिले 16 करोड़ रुपये के चेक बाउंस हो गए. छानबीन के दौरान आर्थिक अपराध शाखा को पता चला कि 23 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम के 36 चेक पीड़ित को दिए गए थे. उनकी कंपनी द्वारा यह बताया गया था कि यह सभी चेक पास हो जाएंगे. 16 करोड़ रुपये के 27 चेक पास नहीं हुए. इस जमीन का कब्जा पहले ही उस कंपनी को दिया जा चुका था और इसके दस्तावेज भी दे दिए गए थे. इस शिकायत पर मामला दर्ज करने के बाद एसीपी रमेश कुमार की देखरेख में एसआई अजय और गौरव की टीम ने अनिल गोयल को गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया.




गिरफ्तार किया गया आरोपी अनिल गोयल 11वीं कक्षा तक पढ़ा है. इसके बाद उसने अपने परिवार का इलेक्ट्रिकल कारोबार संभाला. वह विभिन्न रेडियो स्टेशन पर इलेक्ट्रिक सिस्टम लगाने का काम करता था. वर्ष 1988 से उसने कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया था. उसने लखनऊ गोमती नगर में गोमती प्लाजा के नाम से भी एक प्रोजेक्ट बनाया है, लेकिन अभी के प्रोजेक्ट में पुराना रिकॉर्ड दिखाकर उसने इस कंपनी के साथ ठगी कर ली.

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