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Delhi Crime Branch: हाईटेक मशीनों से चुराते थे मिनटों में गाड़ी, गैंग के सदस्य गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने वाहन चोरी करने वाले एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो हाई टेक मशीनों से कार चुराते थे. इनके पास से औजार, मशीन एवं चोरी की 11 गाड़ियां बरामद हुई हैं.

वाहन चोरी के गैंग का पर्दाफाश
वाहन चोरी के गैंग का पर्दाफाश

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Published : Jul 16, 2021, 8:19 PM IST

नई दिल्लीःदिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच नेवाहन चोरी करने वाले एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है, जो हाई टेक मशीनों से कार चुराते थे. इनके पास से औजार, मशीन एवं चोरी की 11 गाड़ियां बरामद हुई हैं. आरोपी गियर लॉक लगी हुई गाड़ियों को चोरी नहीं करते थे. दरअसल, ऐसी गाड़ियों को चोरी करने में काफी समय लगता था.

क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज के अनुसार, वाहन चोरी की वारदातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस की टीम काम कर रही थी. एडिशनल डीसीपी संदीप लांबा की देखरेख में इंस्पेक्टर नीरज चौधरी की टीम ने शंकर रोड के पास से क्रेटा कार में जा रहे सोनू को पकड़ लिया. तलाशी में उसके बाद से एक देसी कट्टा और एक कारतूस भी बरामद हुआ. उसने बताया कि यह गाड़ी कुछ दिन पहले अशोक विहार इलाके से चोरी की थी. इस पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर गाड़ियों को चोरी करने के लिए निकलता था. पुलिस ने आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था.



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आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसका साथी विवेक माहेश्वरी चोरी की गाड़ियों को खरीदता है. इस जानकारी पर पुलिस ने दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया. उसके साथी मुकीम को भी एक चोरी की गाड़ी के साथ पकड़ा लिया गया. इस गाड़ी से चोरी में इस्तेमाल होने वाली डी-कोडिंग मशीन, औजार एवं कार की चाबियां बरामद हुईं. उसके पास मौजूद गाड़ी जनकपुरी से बीते दिसंबर में चोरी की गई थी.

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आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह गाड़ी का शीशा तोड़कर, उसके दरवाजे को खोल लेते थे. इसके बाद ड्रिल मशीन की मदद से स्टेरिंग लॉक को खोल लेते थे. अत्याधुनिक गाड़ियों में डी-कोडिंग से नया कोड डालकर, नई चाबी बना लेते थे. वह ऐसी गाड़ियों को निशाना नहीं बनाते थे, जिसमें गियर लॉक लगा हुआ हो. ऐसी गाड़ियों को चोरी करने में काफी टाइम लग जाता था.


गिरफ्तार किया गया सोनू मारुति कंपनी की वर्कशॉप में पानीपत में काम करता था. वर्ष 2017 में क्राइम ब्रांच ने, उसे चोरी की 20 गाड़ियों के साथ गिरफ्तार किया था. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि वह मेरठ निवासी गब्बू से हथियार लेकर आया था. दूसरा आरोपी विवेक माहेश्वरी 2014 में नोएडा आया था और कार मैकेनिक का काम करता था. 2017 में लखनऊ गया और सड़क हादसे में बर्बाद हो चुकी गाड़ियों का कबाड़ और दस्तावेज खरीदने लगा. इसको मरम्मत के बाद, वह बेचता था. इसी दौरान वह प्रवीण और मनु गुप्ता से मिला. वह इंजन एवं चेसिस नंबर बदलकर चोरी की गाड़ियों को बेचते थे. वह उनके साथ चोरी की गाड़ियों की खरीद-फरोख्त करने लगा.

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