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9 साल बाद गिरफ्तार हुआ बिल्डर, आलीशान फ्लैट के नाम पर करोड़ों ठगे - economic offenses wing builder arrest

सस्ता फ्लैट देने के नाम पर ठगी के मामले में 9 साल बाद आरोपी बिल्डर सचिन को आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) ने गिरफ्तार किया है. वहीं आरोपी के सहयोगी सिद्धार्थ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

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9 साल बाद गिरफ्तार हुआ बिल्डर

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Published : Jun 24, 2021, 2:20 PM IST

नई दिल्लीःगाजियाबाद के प्रोजेक्ट में आलीशान फ्लैट देने के नाम पर बिल्डर ने लोगों से करोड़ों रुपये एकत्रित कर लिए. लेकिन न तो उसने लोगों को फ्लैट बनाकर दिया और ना ही उनके रुपये लौटाए. ठगी के इस मामले में 9 साल बाद आरोपी बिल्डर सचिन को आर्थिक अपराध शाखा (Economic Offenses Wing) ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके सहयोगी सिद्धार्थ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

इनके बैंक खातों से लगभग 4.5 करोड़ की ठगी का खुलासा हुआ है. अतिरिक्त आयुक्त आरके सिंह के अनुसार रचित चावला एवं 12 अन्य लोगों ने बालाजी बिल्डसर्व प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. यह कंपनी वसुंधरा गाजियाबाद में एक प्रोजेक्ट बना रही थी. अप्रैल 2012 में पीड़ित सचिन दत्ता नामक व्यक्ति से मिला जिसने इस प्रोजेक्ट में उन्हें रुपये लगाने के लिए कहा. उसने बताया कि इस जमीन पर जल्द ही हाउसिंग प्रोजेक्ट बनने वाला है.

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2017 में दर्ज हुई थी FIR

सिद्धार्थ नामक बिल्डर ने उन्हें बताया कि 3 साल में यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा. उन्होंने इस प्रोजेक्ट के लिए 1.30 करोड़ रुपये जुलाई 2012 से जनवरी 2013 के बीच कंपनी में जमा कराएं. अप्रैल 2013 में उन्हें पता चला की प्रोजेक्ट पर काम नहीं चल रहा है. इस कंपनी ने ना तो उन्हें फ्लैट दिया और ना ही रुपए लौटाए. इस शिकायत पर वर्ष 2017 में आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की थी.

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बिल्डर के पास नहीं थी जमीन

ईओडब्ल्यू (EOW) ने जब यूपी आवास विकास परिषद से जानकारी मांगी तो पता चला कि यह प्लॉट राजहंस टावर प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था. बालाजी बिल्डसर्व कंपनी के निदेशक सचिन दत्ता ने इस प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए एग्रीमेंट 2 सेल बनाया था जिसकी अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी. 2015 में अथॉरिटी ने इस जमीन को कैंसल कर दिया था. पुलिस टीम ने आरोपियों के बैंक खाते खंगाले जिससे पता चला कि उन्होंने लोगों से लगभग 4.5 करोड़ रुपये 2012-13 के दौरान बैंक खातों में लिए हैं. इनमें से केवल कुछ शिकायतकर्ता ही आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत करने पहुंचे थे.

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9 साल बाद गिरफ्तार हुए दोनों बिल्डर

मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने आरोपी बिल्डर सिद्धार्थ को जांच में शामिल होने के लिए कई बार नोटिस भेजा. लेकिन वह कभी जांच में शामिल नहीं हुआ तो कभी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. लेकिन इस बार पूछताछ करने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. उससे हुई पूछताछ के बाद दूसरे आरोपी सचिन दत्ता को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों को फिलहाल अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

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