नई दिल्ली/नोएडा:कोविड-19 महामारी को देखते हुए लागू लॉकडाउन का तीसरा चरण खत्म होने वाला है. गौतमबुद्ध नगर जिले में प्रशासन का दावा है कि लॉकडाउन के दौरान हर किसी को राशन और खाना भरपूर मात्रा में दिया गया है. इस बात की जमीनी हकीकत जानने जब ईटीवी भारत की टीम जिले के हरौला गांव में गई. यहां के हालात प्रशासन के दावों पर कई सवाल खड़े करते हैं. वहां बिहार के रहने वाले कई परिवारों से बात की गई तो उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से अभी तक उन्हें कोई मदद नहीं दी गई है.
कैसे करें जीवन यापन?
नोएडा के सबसे घनी आबादी के क्षेत्र सेक्टर-5 में हरौला गांव है. जहां ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के लोग किराए का मकान लेकर रहते हैं. इनमें कुछ कंपनियों में काम करते है तो कुछ दिहाड़ी मजदूरी का भी काम करते हैं. ऐसी ही एक बिल्डिंग में ईटीवी भारत की टीम गई तो देखा कि वहां कई परिवार किराए पर रहते हैं. उनसे जब इस लॉकडाउन के दौरान राशन और खाने के संबंध में बात की गई तो उन लोगों ने बताया कि प्रशासन की ओर से अभी तक कोई भी मदद नहीं दी गई है. इन लोगों का कहना है कि इनके पास राशन कार्ड नहीं है, जिसके चलते सरकारी राशन से भी वंचित हैं. वहीं प्रशासन की ओर से राशन या भोजन नहीं दिया गया. जिसके चलते इन्हें घर में चूल्हा जलाना मुश्किल हो रहा है.