नई दिल्ली/नोएडा:उत्तर प्रदेश का पहला वायु प्रदूषण नियंत्रण टावर को नोएडा क्षेत्र के डीएनडी पर लगाया गया, जिसका लोकार्पण केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र पांडेय और विद्युत एवं उद्योग राज्यमंत्री कृष्ण पाल ने किया. इस मौके पर सांसद डॉ. महेश शर्मा और विधायक पंकज सिंह के अलावा प्राधिकरण मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी मौजूद रहीं. टॉवर के प्रतिवर्ष संचालन में 37 लाख रुपये का खर्च आएगा.
लगातार बढ़ते प्रदूषण को कुछ हद तक कंट्रोल पाने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश में पहली बार पहल की और नोएडा क्षेत्र के डीएनडी पर भेल कंपनी के साथ मिलकर एक वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर को लगवाया है, जिसका आज लोकार्पण करने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि पर्यावरण एक बड़ी चुनौती है. दिल्ली के समतुल्य जो चुनौती नोएडा झेल रहा है और इन सबका ध्यान जब किसी पर नहीं गया था, उस दौरान गुजरात के सीएम होते हुए नरेंद्र मोदी ने क्लाइमेट चेंज विभाग बनाया था. यही वजह है कि आज देश के अधिकांश विभाग अब वायु प्रदूषण के निस्तारण का प्रयास कर रहे हैं.
नोएडा में लगा प्रदेश का पहला वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर नोएडा में प्रदूषण को कम करने और मांग के अनुरूप डिमांड पूरी करने का नोएडा प्राधिकरण प्रयास करेगा. उन्होंने कहा कि यह पूर्णतः स्वदेशी निर्मित है जो कि मेक इन इंडिया को दर्शाता है. यही नहीं यह एक पहल है, जो स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित करेगा.
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वायु प्रदूषण नियंत्रण टॉवर के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि सेक्टर-16 ए की ग्रीन बेल्ट में 400 वर्गमीटर जमीन पर डीएनडी के पास इसे स्थापित किया गया है. यह टॉवर एक वर्ग किमी की परिधि में प्रदूषित वायु को शुद्ध करेगा. सर्दी बढ़ने के साथ सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर (एसपीएम) सल्फर डाईआक्साइड, नाइट्रोजन के ऑक्साइड एवं कार्बन मानो ऑक्साइड प्रदूषित करते हैं. टॉवर इन प्रदूषित गैसों पर भी असरदार है कि टॉवर को बड़े पैमाने पर हवा को साफ करने के लिए डिजाइन किया गया है. प्रदूषित हवा के टॉवर में प्रवेश करने के बाद इसे वातावरण में दोबारा छोड़ने से पहले कई परतों द्बारा साफ किया जाता है. इसे बड़े पैमाने पर वायु शोधक के रूप में उपयोग किया जा सकेगा.
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