ग्रेटर नोएडा: बिसरख थाना पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के मामले में 32 लोगों को गिरफ्तार किया है. ये सभी अर्थ स्पेशल इकोनामिक जोन में चल रहे इंटरनेशनल फर्जी कॉल सेंटर में काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से 2 लैपटॉप सहित कई उपकरण बरामद किए हैं.
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल जोन अंकुर अग्रवाल ने बताया कि आरोपी हैकर्स से इंटरनेशनल कॉल खरीदते थे और उसके बदले यह हैकर्स को मोटी रकम अदा करते थे. ये लोग नेट कॉलिंग के माध्यम से मिले डेटा के अनुसार अमेरिकी लोगों को ठगते थे. कंप्यूटर के वायरस और बग ठीक करने के नाम पर ये लोगों से ऑनलाइन पेमेंट लेते और फिर उसे ठीक करते थे. आरोपियों और हैकर की मिलीभगत से लोगों के कंप्यूटर में वायरस और बग डाला जाता था और फिर डेटा के अनुसार उन्हें ठीक करने के नाम पर पैसा लिया जाता था.
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उन्होंने यह भी बताया कि यह लोग ऑनलाइन ठगी के जरिए हर दिन करीब 3000 से 4000 डॉलर की कमाई करते थे, जो महीने की करीब 50 से 70 लाख रुपये तक होती थी. आरोपी करीब एक साल से फर्जी कॉल सेंटर चलाने का काम कर रहे थे. इससे पहले ये दिल्ली में कॉल सेंटर चलाते थे. इन लोगों की ओर से नामी कंपनियों के नाम पर कस्टमर को फोन किया जाता था.
एडिशनल डीसीपी सेंट्रल जोन अंकुर अग्रवाल ने बताया कि इन लोगों का नेटवर्क एनसीआर क्षेत्र में फैला हुआ है, जहां से यह फर्जी कॉल सेंटर चलाने का काम करते हैं. ये अपने कर्मचारियों को 20000-25000 रुपये तक वेतन देते हैं. वहीं, मैनेजर की सैलरी करीब डेढ़ लाख रुपये महीना है. कॉल सेंटर का मास्टरमाइंड और मालिक दीपक अभी फरार है, जिसकी तलाश की जा रही है.
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उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपियों के पास से 2 लैपटॉप, 50 हार्ड डिस्क, मॉनिटर, सीपीयू, कीबोर्ड, माउस, 32 मोबाइल फोन, 20 हेडफोन और एक पेन ड्राइव मौके से बरामद हुआ है. इन लोगों का कॉल सेंटर रात 8 बजे से सुबह 4 बजे तक चलता है. कॉल सेंटर में काम करने वाले किसी कर्मचारी को आने जाने में परेशानी ना हो, इसके लिए कैब की सुविधा भी दे रखे थे.