नई दिल्ली/नोएडा : उत्तर प्रदेश पुलिस में साइबर कॉप के नाम से मशहूर साइबर क्राइम एक्सपर्ट डॉक्टर त्रिवेणी सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि किस तरह से लोग साइबर अपराध से बचें. उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से साइबर अपराध आज के समय में बढ़ रहा है.
त्रिवेणी सिंह ने बताया कि लोग अक्सर अनजान नंबरों पर व्हाट्सएप के माध्यम से बातें कर लेते हैं या फिर गूगल के माध्यम से तमाम कस्टमर केयर के नंबर लेकर सुविधा लेने की कोशिश करते हैं. साथ ही लुभावने मैसेज को बिना सोचे-समझे क्लिक कर देते हैं. जिसके चलते लोग आज साइबर अपराध के ज्यादातर शिकार होते जा रहे हैं.
साइबर अपराध के प्रति लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत : डॉक्टर त्रिवेणी सिंह उन्होंने कहा कि शिक्षा से लेकर व्यापार तक सभी जगह डिजिटल का जमाना हो गया है. जिसका लाभ साइबर अपराध करने वाले बड़े ही आसानी से ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि साइबर क्राइम के प्रति लोगों का कम जागरूक होना अपराध करने वालों के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. कभी भी किसी को मोबाइल पर आए हुए ओटीपी को नहीं बताना चाहिए. साथ ही साइबर अपराध होने पर 112 या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करना चाहिए.
साइबर अपराध के प्रति लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत : डॉक्टर त्रिवेणी सिंह
एसपी साइबर क्राइम प्रोफेसर त्रिवेणी सिंह ने साइबर अपराध पर पीएचडी की है. वह देश के साथ ही विदेशी मंचों पर भी साइबर अपराध पर लोगों को सचेत करते रहते हैं. लोग साइबर अपराध का शिकार होने के बाद यह समझ नहीं पाते हैं कि वह कहां जाएं. जबकि उन्हें फौरन 112 पर या साइबर अपराध हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करना चाहिए. समय रहते अगर लोग साइबर अपराध का शिकार होने के बाद अपनी शिकायत दर्ज करा दें तो उनके गए हुए पैसों को वापस लाया जा सकता है.
साइबर अपराध के प्रति लोगों में जागरूकता लाने की जरूरत : डॉक्टर त्रिवेणी सिंह यह भी पढ़ें- बैतूल में घटी एक अद्भुत खगोलीय घटना, लोगों ने मोबाइल में कैद किया वीडियो
उन्होंने यह भी बताया कि हर किसी को साइबर अपराध के प्रति खुद भी जागरूक होने की जरूरत है. उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश के 1600 से अधिक थानों पर साइबर हेल्प डेस्क बनाए गए हैं. जहां अनुभवी लोगों की तैनाती की गई है. जो पीड़ित की मदद करने के लिए तत्पर रहते हैं.