नई दिल्ली/नोएडा :नोएडा में आवारा सांडों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते एक आवारा सांड ने एक मासूम को टक्कर मार दी. जिससे छात्र को गंभीर अवस्था मे एक निजि अस्पताल के भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है. पीड़ितों का कहना है कि गांव मे इससे पहले भी एक महिला को सांड़ ने टक्कर मार कर मौत के घाट उतार दिया था. कई बार अधिकारियों से शिकायत करने के बाद भी आवारा सांडों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. आवारा पशुओं के कारण किसानों की फसल नष्ट हो रही है, वही लोगों को जान का खतरा बना हुआ है.
दरसल दुजाना गांव में रहने वाले परवीन का 13 वर्षीय बेटा देव उर्फ देवा स्कूल से वापस घर जा रहा था. जैसे ही वह अपने खेतों के पास पहुंचा तभी आवारा सांडो ने उस पर हमला कर दिया. कक्षा 6 में पढ़ने वाला देवा के पेट में सांड ने सींग घुसा दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. छात्र की आवाज सुनकर वहां मौजूद लोगों ने छात्रों को सांडों के हमले से बचाया और दादरी के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया. जहां उसको आईसीयू में भर्ती कराया गया है. घायल देव के पिता प्रवीन ने बताया कि आवारा सांडों के द्वारा फसलों को तो नुकसान पहुंचा रहा है साथ ही लोगों पर भी हमला कर रहा है.
आवारा सांड के हमले से घायल हुआ छात्र, गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती - सांड के हमले से घायल हुआ छात्र
नोएडा में आवारा साडों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा कोई उचित कदम नहीं उठाया जा रहा है. इसी क्रम में दुजाना गांव का रहने वाला कक्षा छह का छात्र शुक्रवार को स्कूल की छुट्टी के बाद घर वापस लौट रहा था. गांव के रास्ते पर खेत में आवारा पशु घुम रहे थे. इनमें से एक सांड दौड़ता हुआ आया और छात्र के पेट में सीग मार कर घायल कर दिया.
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ग्रामीण ने बताया कि आवारा सांडों की शिकायत कई बार जिला प्रशासन से की गई है. लेकिन उसके बावजूद भी आवारा सांडों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती जिसके चलते आवारा सांड जहां खेती को नुकसान पहुंचा रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों पर भी हमला कर रहे हैं. वही ग्रामीण वीरपाल मुखिया नर बताया कि बीते दिनों आवारा सांड में एक महिला को टक्कर मार दी थी, जिससे मौके पर ही महिला की मौत हो गई थी. उसके बावजूद भी जिला प्रशासन के द्वारा कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है. पीड़ित गरीब परिवार से और उधार के पैसे से अपने बेटे का इलाज कराने के लिए मजबूर है.
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