नई दिल्ली/नोएडा: जब आदमी का रोजगार छीन जाए तो उसकी रोजी-रोटी पर भी आफत आ जाती है. यही हालत इस लॉकडाउन में कैब ड्राइवर्स की हो गई है. जिनके पास गाड़ी तो है लेकिन वो उसे सड़कों पर सरपट दौड़ा नहीं सकते.
कैब चालक ने बताई समस्या
कैब चालक दिलीप ने बताया कि लॉकडाउन के पहले रोज कमाता था, रोज खाता था लेकिन अब खाने के लाले पड़ गए हैं. हां सरकार ने तीन महीने की राहत कई मामलों में जरूर दी है लेकिन तीन महीने बाद रुपये कहां से आएंगे इसकी चिंता अभी से सता रही है. बच्चों की फीस, टैक्सी की किश्त और घर का राशन लॉकडाउन के बाद कहां से आएंगा ये अभी से सोचना पड़ रहा है.