नई दिल्ली/नोएडा:हाइटेक सिटी और औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा में रहने वाले लोग अगर थोड़ा जागरूक हो जाए तो अपराध पर बहुत हद तक अंकुश पाया जा सकता है. यह बातें एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कही. एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ने कहा कि आज किसी भी वारदात के बाद हम पूरी मेहनत और ताकत के साथ उसका खुलासा करने में जुट जाते हैं. वहीं, इससे संबंधित लोगों से पूछताछ भी करते हैं और तमाम क्लू जुटाने के बाद अपराधियों तक पहुंचते हैं और घटना का खुलासा होता है. वहीं, उन अपराधों से पहले अगर लोग थोड़ी भी जागरुकता और समझदारी दिखाएं तो उस पर कुछ हद तक अंकुश पाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि आज के समय में हम बहुत ज्यादा डिजिटल होते जा रहे हैं. इसके चलते हम किसी भी ऐप को अगर डाउनलोड करें तो हमारा डेटा दूसरों के पास चला जाता हैं. यह करने से पहले हमें एक बार सचेत होने की जरूरत है, जिससे हमारी गोपनीयता किसी और के पास ना जा सके और हम किसी घटना का शिकार ना हो सकें.
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एडिशनल डीसीपी नोएडा रणविजय सिंह ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि ज्यादातर मामलों में देखा जाता है कि लोग जिस वारदात के संबंध में जानकारी रखते हैं, उसी के शिकार हो जाते हैं. अपनी समझ और जागरूकता का परिचय नहीं देते हैं. इसके चलते उनके साथ वारदात हो जाती है. उदाहरण के तौर पर सभी को पता है कि एनसीआर क्षेत्र में ठक-ठक गैंग सक्रिय है, फिर भी लोग इस गैंग का शिकार हो जाते हैं. गाड़ियों का शीशा तोड़कर चोरी करने वाले गैंग भी सक्रिय हैं, लेकिन लोग लापरवाही दिखाते हुए गाड़ियों में अपने सामान के डेस्क बोर्ड पर मोबाइल, गाड़ी के अंदर लैपटॉप, बैग और नगदी सहित अन्य सामान रख कर चले जाते हैं.