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ट्विन टावर का निरीक्षण करने पहुंची साउथ अफ्रीका की टीम

नोएडा के सेक्टर 93a स्थित ट्विन टावर को किस तरह से गिराया जाएगा और 40 मंजिला इस इमारत में किन जगहों पर बारूद लगाने का काम किया जाएगा, इन तमाम चीजों की जांच करने साउथ अफ्रीका से इंजीनियरों की टीम (South Africa team arrived to inspect Twin Towers) पहुंची. कई घंटे टावर में निरीक्षण करने के बाद चले गए.

ट्विन टावर
ट्विन टावर

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Published : Feb 26, 2022, 7:15 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः नोएडा में 40 मंजिला ट्विन टॉवर को गिराने की प्रक्रिया सोमवार से चल रही है. 300 से अधिक मजदूर ट्विन टावर काे ढहाने के लिए लगाये गये हैं. ये मजदूर टावर की दीवारों को तोड़ रहे हैं. शनिवार को साउथ अफ्रीका के इंजीनियरों की टीम (South Africa team arrived to inspect Twin Towers) ट्विन टावर का निरीक्षण करने आई. किस तरह से टावर का ताेड़ा जाएगा और किन जगहों पर बारूद लगाए जाएंगे, इसका उन्होंने निरीक्षण किया.

इसके साथ ही टावर (twin tower of noida) ताेड़ने के दाैरान लाेगाें काे डस्ट से परेशानी नहीं हाे इसके लिए ग्नीन जाल लगाने के लिए एक टीम ने निरीक्षण किया. वहीं ट्विन टावर को गिराने वाली कंपनी ने टावर के आसपास बैरिकेडिंग की है, ताकि कोई टावर के आसपास न जा सके. ट्विन टावर से जुड़े सूत्रों की मानें तो ट्विन टावर को गिराने के लिए विस्फोटक सामग्री नागपुर से मंगाई जाएगी. ट्विन टावर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर लाइसेंस होल्डर के पास विस्फोटक सामग्री रखी जाएगी, वह भी उस जगह पर विस्फोटक सामग्री रखी जाएगी जो लाइसेंस होल्डर होगा. 15 दिन बाद उम्मीद जताई जा रही है कि विस्फोटक सामग्री ट्विन टावर में लगना शुरू हो जाएग.

ट्विन टावर का निरीक्षण करने पहुंची साउथ अफ्रीका की टीम
ट्विन टावर का निरीक्षण करती साउथ अफ्रीका की टीम
ट्विन टावर के पास बैरिकेडिंग.
इसे भी पढ़ेंः ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया तीसरे दिन भी जारी, जल्द रात में भी शुरू हो सकता है कार्य


ट्विन टावर (twin tower of noida) को गिराए जाने से पूर्व दीवारों को तोड़ने का काम किया जा रहा है. वहीं इस दौरान आसपास के लोगों को डस्ट से परेशानी ना हो और टावर से डस्ट बाहर न जाए, इसकाे रोकने के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. कांट्रेक्टर मुंबई से नोएडा आया हुआ था. कांट्रेक्टर ने बताया कि 15 लाख रुपए में नेट लगाने का टेंडर हुआ है. नेट कंपनी का होगा लेबर हमारा रहेगा. पूरे टावर में करीब 20 हजार रनिंग मीटर जाल लगेगा.


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