नई दिल्ली/नोएडा:दिल्ली में बने सिगनेचर ब्रिज की तर्ज पर अब नोएडा शहर में भी सिग्नेचर ब्रिज बनाया जा रहा है. दिल्ली-नोएडा और गाजियाबाद की कनेक्टिविटी को सुधारा जा सके और पर्थला चौक पर जाम की स्थिति से लोगों को मुक्ति दी जा सके. पर्थला गोल चक्कर पर केबल सस्पेंशन ( हैंगिंग ब्रिज) के जरिए फ्लाईओवर बनने जा रहा है. इसके लिए नोएडा प्राधिकरण ने मंगलम बिल्डकॉन लिमिटेड निर्माण कंपनी का चयन किया है, जो 12 महीनों में काम पूरा करेगी. हैंगिंग ब्रिज के निर्माण में 80 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.
सिग्नेचर ब्रिज बनने से जाम नहीं लगेगा ये भी पढ़ें:-28दिसंबर को दिल्ली आएगी वैक्सीन की पहली खेप, RGSS लाए गये फ्रीजर
पर्थला फ्लाईओवर (सिग्नेचर ब्रिज) की खासियत
- तकरीबन 700 मीटर लंबाई
- 6 लेन का हैंगिंग ब्रिज की चौड़ाई
- 48 मीटर पायलॉन की ऊंचाई
- लागत 80 करोड़ रुपये
- 1.19 करोड़ इलेक्ट्रिकल वर्क
- दिसंबर 2021 तक पूरा होगा काम
- 7. यातायात होगा सुगम
- 8. 5 लाख लोगों को मिलेगा फायदा
नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु माहेश्वरी ने बताया
पर्थला गोल चक्कर से लेकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट उत्तर किसान चौक तक रोजाना जाम लगता है. फ्लाईओवर बनने से सेक्टर 51, 52, 70, 71, 72, 73, 74, 75, 76, 77, 78, 79, 121, 122 के निवासियों को काफी राहत मिलेगी. दिसंबर 2021 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर जनता को समर्पित किया जाएगा.
दिसंबर 2021 तक बनेगा सिग्नेचर ब्रिज
हैंगिंग ब्रिज बनने से दिल्ली सरिता विहार, नोएडा, गाजियाबाद और हापुण के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. यातायात व्यवस्था सुगम होगी. इससे सीधे तौर पर करीब 5 लाख लोगों को फायदा होगा. मौजूदा समय की बात करें तो पर्थला गोल चक्कर पर डेढ़ लाख वाहनों का दबाव है.