नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र में उस वक्त हड़कंप मच गया जब 7 साल की दुष्कर्म पीड़िता का पिता तमंचा लेकर पहुंच गया. पिता ने कनपटी पर तमंचा रखकर हंगामा किया और खुदकुशी की धमकी दी. कोतवाली पुलिस ने बमुश्किल तमंचा कब्जे में लेकर उसे समझाने का प्रयास किया. वह कह रहा था उसे जेल भेजा जाए आरोपी से बदला लेना चाहता है.
रेप पीड़िता का पिता तमंचा लेकर पहुंचा थाने पुलिस पर बनाया दबाव
सूरजपुर पुलिस के अधिकारियों ने युवक को समझाया-बुझाकर उसके पास से तमंचे को ले लिया. इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस की सफाई सामने आई है कि पीड़िता के पिता द्वारा आर्थिक मदद और मुआवजे की मांग के लिए पुलिस पर इस तरह का दबाव बनाया जा रहा था.
21 अक्टूबर को किया था रेप
थाना सूरजपुर में हाथ में तमंचा लेकर हंगामा कर रहा यह व्यक्ति सूरजपुर कस्बे गुर्जर कॉलोनी का रहने वाला है, जिसकी 7 साल की मासूम बच्ची के साथ पड़ोस के एक युवक ने 21 अक्टूबर को रेप किया था. वही पीड़िता को मेडिकल के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया वहां पर भी लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे. जिसके बाद हाथों में तमंचा लेकर उसका पिता थाना सूरजपुर पहुंचा और फिर सिर तमंचा लेकर बवाल करना शुरू कर दिया.
वीडियो वायरल होने के बाद आई सफाई
खुदकुशी की धमकी देने साथ ही पीड़िता के पिता का कहना था कि उसे भी जेल भेजा जाए. जहां पर बेटी के आरोपी से बदला है. कोतवाली प्रभारी प्रदीप त्रिपाठी ने सूझबूझ दिखाते हुए उसे समझाया और तमंचा उसके हाथ से अपने कब्जे में ले लिया. जिसके बाद कोतवाली में ले जाकर उसे पानी व फिर चाय पिलाकर काफी देर तक समझाया गया. इस पूरे मामले का वीडियो वायरल हुआ तो पुलिस महकमा अपनी सफाई लेकर सामने आ गया.
पुलिस ने समझाकर भेजा घर
डीसीपी महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने बताया कि 21 अक्टूबर को 7 साल की बच्ची से सोनू ने चाकू की नोक पर दुष्कर्म किया था. आरोपित को गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने बताया कि बच्ची से दुष्कर्म करने वाले आरोपी ने पुलिस अभिरक्षा से भागने का प्रयास किया था. जिसे मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था. आरोपी पर कठोर कार्रवाई की गई है. तब पीड़िता का पिता शांत हुआ. एक शख्स पर कुछ माह पहले नौकरी से निकालने और बकाया रुपये दिलाने की मांग करने लगा. जिसमे पुलिस ने उस व्यक्ति को बुलाकर पीड़िता के रुपये दिला दिए. वहीं पीड़िता के पिता द्वारा पुलिस पर आर्थिक मदद और मुआवजे की मांग के लिए दबाव डाला जा रहा था. फिलहाल समझा-बुझाकर बुझाकर उसे घर भेज दिया गया है.