नई दिल्ली/नोएडा: सुपरटेक बिल्डर ने ट्विन टॉवर गिराए जाने के संबंध में तैयारियां (Twin tower will collapse in Noida) शुरू कर दी हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सुपरटेक बिल्डर ने मुंबई की एडिफिस कंपनी के साथ करार किया है, जो ट्विन टावर को गिराने का काम करेगी. कंपनी द्वारा बताया जाता है कि 15 से 20 मिनट में टावर को गिराने का काम करेगी, लेकिन ट्विन टावर के मलबे को हटाने के लिए लंबा समय लगेगा. इसके लिए सुपरटेक ने नोएडा प्राधिकरण से तीन से साढ़े तीन महीने का वक्त मांगा है.
बताया जा रहा है कि टावर काे तोड़ने में करीब 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च आएगा. वहीं कम समय टावर को गिरने के बावजूद भी उसे हटाने में करीब 26 सप्ताह लग जाएगा, क्योंकि गिराने वाली कंपनी और प्राधिकरण का मानना है कि मलबा ज्यादा होने के चलते उसे हटाने में समय लगेगा. फिलहाल सुपरटेक द्वारा NOC लेने की प्रक्रिया तेज की गई है (Supertech applied for NOC) और वह प्रोसेस में है. जिस के संबंध में सुपरटेक द्वारा विस्फोट के भंडारण, परिवहन और उसके इस्तेमाल के लिए प्रदूषण नियंत्रण एजेंसी और यातायात विभाग की योजनाओं के लिए 10 विभागों से NOC के लिए आवेदन दिया है.
नोएडा प्राधिकरण की सीईओ काे सुनिये. इसे भी पढ़ेंः 'सुप्रीम' आदेश के बावजूद खड़े हैं सुपरटेक के ट्विन टावर्स, इमारत गिराने की डेडलाइन बीतीट्विन टावर गिराए जाने के संबंध में नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी (Noida Authority CEO Ritu Maheshwari) ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश के आधार पर प्राधिकरण द्वारा सुपरटेक बिल्डर को निर्देशित कर दिया गया था कि प्राधिकरण और सीडीआरआई के अनुरूप जिस एजेंसी को अप्रूवल दिया गया है. आज यानी 24 जनवरी तक एग्रीमेंट कर ले, जो बिल्डर द्वारा आज पूरा कर लिया गया है.
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बिल्डर ने तीन से साढ़े तीन महीने के अंदर टावर को गिराने और मलबे हटाने का समय मांगा था, जिसके लिए अनुमति दी गई है. वहीं मलवा अधिक होने के चलते उसे हटाने में समय लगेगा जिसका वक्त सुपरटेक को दिया गया है. टावर को गिराने की प्रक्रिया तेज की गई है. एनओसी लेने का काम भी बिल्डर ने शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल एजेंसी से बिल्डर द्वारा टावर गिराए जाने के संबंध में करार हुआ है या नहीं लिखित रूप में मेरे पास कोई पत्र नहीं आया है, समाचार पत्रों के माध्यम से मुझे जानकारी हुई है.