नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में आईडी बनाकर करोड़ों का लोन लेकर फर्जीवाड़ा करने वाले संगठित गिरोह के 3 लोगों को एसटीएफ साइबर क्राइम थाना ने गिरफ्तार किया है. आईजी साइबर क्राइम एसटीएफ अशोक कुमार सिंह ने बताया कि ये लोग फर्जी आई डी बनाकर बड़ी कंपनियों में काम करने वाले लोगों के फर्जी सैलरी का खाता खुलवा कर बैंको से लोन लेते थे.
नकली ID बनाकर करते थे फर्जीवाड़ा करने वाला गिरोह गिरफ्तार क्या था मामला
एसटीएफ साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 नोएडा में एक्सिस बैंक द्वारा तहरीर दी गई कि उनके बैंक के साथ धोखाधड़ी कुछ लोगों द्वारा की गई है. इस मामले की जांच करते हुए एसटीएफ साइबर क्राइम नोएडा यूनिट ने पाया कि तीन लोगों के गिरोह द्वारा फर्जी कंपनी खोलकर फर्जी कर्मचारी रखकर और फर्जी खाते खोलकर करोड़ों का वारा न्यारा बैंकों से किया है.
इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए एसटीएफ साइबर क्राइम के आईजी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों से पूछताछ की गई.
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि एक्सिस बैंक में चार पांच साल तक तीनों ही आरोपियों ने काम किया था. जिसमें वह बैंक से लोन दिलाने का काम करते थे. बैंक के सारे नियम और तरीके समझने के बाद 2017 में तीनों ने फरीदाबाद में एक एस आई एस ग्लोबल नाम से कंपनी खोली जिसका प्रोपराइटर आरोपी अरिंदम मैती था.
इन लोगों द्वारा उस कंपनी के माध्यम से काफी लोगों को ठगने का काम किया. धीरे-धीरे इन लोगों ने अपना फर्जी कारोबार बढ़ाते गए और 2018 में इन्होंने सेक्टर 142 नोएडा के एडवांट टावर बिजनेस पार्क बिल्डिंग में ऑफिस किराए पर ले लिया.
नकली ID बनाकर करते थे फर्जीवाड़ा
इन लोगों ने पूछताछ में बताया कि बच्चों के एडमिशन के लिए जमा किए जाने वाले फार्म के साथ उनके परिजनों की आईडी भी जमा की जाती है. एडमिशन ना हो पाने की स्थिति में इन फार्मो को आर डी के साथ कबाड़ी को रद्दी के भाव बेच दिया जाता है.
जिन्हें ये लोग खरीद कर फॉर्म के साथ आईडी और दिए गए नंबर का प्रयोग कर आईडी पर चिपकी फोटो से मिलती-जुलती फोटो अपने कार्यालय में लगे कंप्यूटर की मदद से गूगल सर्च कर निकालते थे. और इसी नाम पते के व्यक्ति को अपने यहां कर्मचारी दिखाते हुए उनका विभिन्न बैंकों से इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाया जाता था.
जिसका वेरिफिकेशन बैंक कर्मचारी द्वारा सरलता से कर लेते थे और लोन पास हो जाता था. और फर्जी नाम पते वाली भर्ती के लोन होने के बाद कंपनी बंद कर देते थे. इस प्रकार कई बैंकों से फर्जी अकाउंट के आधार पर लोन लेकर शुरुआती जांच में 10 से 12 करोड़ का घोटाला सामने आया है. जबकि जांच पूरी होने तक 55 से 60 करोड़ के घोटाले सामने निकल कर आ सकते हैं जिसकी उम्मीद की जा रही है.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
एसटीएफ साइबर क्राइम थाना सेक्टर 36 नोएडा द्वारा फर्जी लोन लेने फर्जी कंपनी खोलने के मामले में जिन 3 लोगों को गिरफ्तार किया है उसमें अरविंदम मैती उर्फ आशीष सिंह , रवि कुमार उर्फ हरिश्चंद्र और मोहम्मद शारिक हैं. इनसे भारी मात्रा में फर्जी आधार कार्ड पैन कार्ड मोबाइल सिम विभिन्न कंपनियों के डेबिट क्रेडिट कार्ड, चेक बुक, कंप्यूटर, स्कैनर प्रिंटर, फोन बरामद हुआ है.