नई दिल्ली/नोएडा:कोविड-19 महामारी के इस दौर में शासन-प्रशासन से लेकर डॉक्टर तक का यह कहना है कि अगर कोरोना से बचना है तो मास्क जरूर लगाना है. साथ ही सैनिटाइजर और दो गज की दूरी भी जरूरी है. लेकिन राष्ट्रीय राजधानी से सटे नोएडा में देखी जाए तो लोग अब धीरे-धीरे मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग करना लगभग बंद कर दिए हैं.
मेडिकल स्टोर से लेकर आम दुकानों तक जहां मास्क, सैनिटाइजर धड़ल्ले से पहले और दूसरे कोरोना फेज में बेचे जा रहे थे, यहां तक की कालाबाजारी भी की जा रही थी वही आज दुकानों की शोकेस की शोभा बढ़ा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग से लेकर शासन तक जहां तीसरी लहर की बात कर रहे हैं, वहीं लोग कोरोना को लेकर ज्यादा गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण नोएडा में मेडिकल स्टोर पर सैनिटाइजर और मास्क की बिक्री से ही देखा गया है.
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कोरोना महामारी का पहला फेस हो या फिर दूसरा सभी इस महामारी से दहशत में दिखे. काफी लोग इस महामारी में अपनी जान भी गंवाए. अभी तक देखा जाए तो इस महामारी को जड़ से खत्म करने के लिए कोई कारगर टीका या वैक्सीन सामने निकलकर नहीं आया. जो मौजूदा वैक्सीन इस महामारी का पूरी तरह से इलाज की गारंटी नहीं देता. ऐसे में कोरोना महामारी से बचने के लिए हर डॉक्टर और स्वास्थ्य सलाहकार यही सलाह देता है कि मास्क, सैनिटाइजर और दो गज की दूरी बनाए रखने से ही कोरोना महामारी से बचा जा सकता है. कोविड-19 महामारी को लेकर तमाम आदेश और निर्देश बनाए गए, लेकिन दूसरे फेज के बाद और वर्तमान स्थिति में नोएडा जैसे हाईटेक शहर में देखा जाए तो सैनिटाइजर और मास्क मेडिकल स्टोर की दुकान से लेकर आम दुकान के शोकेस की शोभा बढ़ा रहे हैं. पहले और दूसरे फेज में जिस तरह लोगों ने महामारी से बचने के लिए मास्क और सैनिटाइजर को खरीदना शुरू किया और घरों में स्टॉक तक बना डाला. वहीं अब लोग मेडिकल स्टोर और दुकानों पर न के बराबर मास्क और सैनिटाइजर लेने जा रहे हैं. वहीं लोग सोशल डिस्टेंसिंग भी देखा जाए तो बनाए रखना भूल गए हैं.