नई दिल्ली:Noida twin tower को गिराने की प्रक्रिया महीनों पहले शुरू हो गई थी. विदेश की कंपनी तैयार टॉवरों के पिलरों में विस्फोटक करीब-करीब लगा चुकी है और प्लान के मुताबिक तय तारीख और समय पर जब टावर को ढहाने के लिए बटन दबाया जाएगा तो नौ सेकेंड के अंदर यह टावर जमींदोज हो जाएगा. इससे पहले भी विस्फोटक लगाकर ब्लिडिंग काे ध्वस्त करने की कार्रवाई देश और दूसरे देश में की गई है.
देश में एकमात्र मल्टीस्टोरी बिल्डिंग को विस्फोटक लगाकर तोड़ा गया है. 2020 में केरल के एर्नाकुलम जिले के मराड़ू में 55 मीटर ऊंची चार मंजिला टावर को भी कोर्ट के आदेश पर तोड़ा गया था. एडिफिस कंपनी जिसे नोएडा ट्विन टावर को ढहाने का ठेका दिया गया है. इसी कंपनी ने 11 जनवरी 2020 में चार मल्टीस्टोरी टावर को विस्फोटक लगाकर ढहाया था. मराड़ू के तटीय इलाके में नियमों की अनदेखी कर मल्टीस्टोरी टावर का निर्माण किया गया था. इनमें 356 फ्लैट बनाये गए थे.
इन टॉवरों की तुलना में नोएडा के ट्विन टावर दोगुना ऊंचाई का है. इसलिए हरेक पहलुओं को विचार करने के बाद विदेशी कंपनी एडिफिस ने यह काम अपने हाथ में लिया था. इसके अलावा दुनिया की बात करें तो अभी तक न्यूयॉर्क स्थित सबसे ऊंची 215 मीटर यूनियन कार्बाइड बिल्डिंग को विस्फोटक लगाकर 2021 में ढहाया गया था. नोएडा के ट्विन टावर की ऊंचाई 103 मीटर है. वहीं यूनियन कार्बाइड बिल्डिंग की ऊंचाई 215 मीटर थी. हालांकि, दुनिया के अलग-अलग देशों के शहरों में अलग-अलग कारणों से अभी तक 19 गगनचुंबी इमारतों को ढहाया जा चुका है.