नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में प्रदूषण के बढ़ते ग्राफ के बीच स्मॉग ने दस्तक दी है. दो दिन की राहत के बाद शहर की अबोहवा जहरीली होने लगी है. ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 382 और नोएडा के एयर क्वालिटी इंडेक्स 386 के पार पहुंच गया है.
देश के प्रदूषित शहरों में टॉप 3 में नोएडा और ग्रेटर नोएडा पहुंच गए हैं. ठंड की दस्तक के बाद पहली बार AQI 400 के करीब पहुंच गया है, जो बेहद चिन्ताजक है और शहर की सेहत बिगाड़नी शुरू हो गई है. हालांकि 15 अक्टूबर से GRAP लागू है, लेकिन उसका कोई खास असर देखने को नहीं मिल रहा है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 346 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 419 दर्ज़ किया गया है. ग्रेटर नोएडा के एक हिस्से में AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो बेहद चिंता का विषय है. UPPCB को इस ओर ध्यान देना होगा और सख्त कदम उठाने होंगे.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं, जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन में 412 AQI, सेक्टर 125 का स्टेशन काम नहीं कर रहा, सेक्टर 1 में 388 AQI और सेक्टर 116 में 358 AQI दर्ज़ किया गया है. ज़िले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है अगर इस ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और ऐसे में लोगों की समस्याओं को बढ़ाएगी.
हवा की सेहत चिंताजनक
हवा की रफ्तार थमने से उद्योग और वाहनों से निकलने वाले धुएं का असर ढूंढ के रूप में देखने को मिलता है. ग्रेटर नोएडा और नोएडा में कई जगह सुबह और शाम होने से पहले ही स्मॉग के रूप में धुंध छा जाती है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में UPPCB लगातार कार्रवाई कर रहा है, ग्रेप लागू है, लेकिन कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक AQI बढ़ने से कोरोना के मरीज़ों की समस्या बढ़ेगी. वहीं बुजुर्ग, बच्चे, ह्रदय रोगी सहित अस्थमेटिक मरीज़ों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.