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नन्हे परिंदे योजना: बेसहारा बच्चों की सहारा बनी नोएडा पुलिस, कर रही शिक्षित

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Published : Jul 24, 2021, 1:08 PM IST

नोएडा पुलिस बेसाहारा और वंचित वर्ग के छात्रों को 'नन्हे परिंदे योजना' के तहत शिक्षा से जोड़ने का काम कर रही है. जिसके तहत मोबाइल वैन के माध्यम से चुनिंदा स्थानों में जाकर बच्चों को इकट्ठा किया जाता है. बच्चों को पढ़ाई लिखाई और खेल कूद के साथ ही कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की भी जानकारी दी जाती है.

Noida Police take children from road to education
बच्चों को सड़क से स्कूल ले जाने का काम कर रही नोएडा पुलिस

नई दिल्ली/नोएडा: जिले की पुलिस इन दिनों लोगों को सुरक्षा देने के साथ बेसाहारा घूमने वाले छात्रों को स्कूलों तक पहुंचाने का काम भी कर रही है. 'नन्हे परिंदे योजना' के तहत पुलिस उन छात्रों को शिक्षा के मंदिर तक पहुंचाने का काम कर रही है, जो छोटी सी उम्र में अपने जीवन यापन के साधनों की व्यवस्था स्वयं करते हैं. इस दौरान वे शोषण का भी शिकार होते हैं और पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ अपने अन्य मूलभूत अधिकारों से वंचित रहते हैं. विशेषकर झुग्गी-झोपड़ी, ट्रैफिक सिग्नल, मेट्रो स्टेशन, पर्यटन स्थल, मार्केट, होटल, ढाबों, ठेलो और धार्मिक स्थलों पर दिखाई देने वाले बच्चे.

समाज के वंचित वर्ग से होने के कारण इन बच्चों के विकास एवं सुरक्षा के लिए जो सरकारी योजनाएं हैं, वह भी इन बच्चों तक नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में पुलिस उनका सहारा बनी है. पुलिस इन छात्रों को वैन के माध्यम से पढ़ाई-लिखाई के साथ ही खेलकूद और अन्य चीजों के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है. नोएडा में कई बच्चे ऐसे हैं, जो जीवन यापन के लिए कबाड़ चुनने, मजदूरी करने, ढाबे या रेस्टोरेंट्स में काम करने, सामान बेचने, भीख मांगने आदि का काम करते हैं. ये बच्चे शिक्षा और सरकारी योजनाओं से कटे रहते हैं. ऐसे में नोएडा पुलिस ने इन बच्चों के भविष्य सुधारने का बीड़ा उठाया है.

बेसाहारा बच्चों की सहारा बनी नोएडा पुलिस

पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह के निर्देश पर 'नन्हे परिंदे योजना' बनाई गई है. जिसके तहत जिले में वैन के माध्यम से जगह-जगह पर बच्चों को पढ़ाने और बेसिक जानकारी देने का काम किया जा रहा है. इसमें मोबाइल वैन के माध्यम से पूरे दिन दो स्थानों को चिह्नित कर वहां पर कम से कम 30 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा जा रहा है. इस दौरान इन बच्चों को कोरोना महामारी के दौर में कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की भी जानकारी दी जा रही है.



झुग्गी झोपड़ी से लेकर अन्य कई स्थानों पर 'नन्हे परिंदे योजना' के तहत मासूम बच्चों को शिक्षा से रू-ब-रू कराया जा रहा है. इस संबंध में जब ईटीवी भारत की टीम नोएडा के सेक्टर 37 स्थित छालेरा झुग्गी झोपड़ी एरिया में पहुंची. नन्हे परिंदे योजना का लाभ लेने वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें पढ़ने लिखने के साथ ही खेलने-कूदने और हाथ धोने जैसी बेसिक जानकारियां शिक्षकों द्वारा दी जाती है.

एसीपी द्वितीय रजनीश वर्मा ने बताया कि 'नन्हे परिंदे योजना' का मुख्य उद्देश्य गौतम बुध नगर जनपद में अगले 3 वर्षों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों को वैन संचालित कर, उन्हें शिक्षा से जोड़ना और उन्हें पढ़ने हेतु सुरक्षित स्थान प्रदान करना है, ताकि बच्चे सड़कों की जगह स्कूलों में जाएं और बाल अपराधों में कमी आये. उन्होंने बताया कि अभी जनपद में कुल करीब 5 मोबाइल वैन नन्हे परिंदे के नाम से संचालित हो रही हैं. आने वाले समय में और भी वैन आएगी और स्थान चिन्हित करके बच्चों को शिक्षा और रहन-सहन सहित बेसिक जानकारी देने का काम किया जाएगा.

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