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नोएडा: रन फॉर हेल्थ का आयोजन, बच्चों ने भी फैलाई जागरूकता - Diabetic month RUN FOR HEALTH

नोएडा में बच्चों ने स्केटिंग करते हुए डायबिटीज के खिलाफ नारे लगाते हुए आयोजित रन फॉर हेल्‍थ में भाग लिया. सभी हाथों में प्ले कार्ड लेकर चल रहे थे. जिनमें स्लोगन 'लक्ष्‍य हमने ठाना है, मधुमेय को मिटाना है' जैसे स्लोगन लिखे हुए थे. बच्चे भी नारे लगाते हुए चल रहे थे.

नोएडा रन फॉर हेल्‍थ

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Published : Nov 25, 2019, 11:48 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: डायबिटीज फोरम की नोएडा शाखा ने डायबिटीज माह के अवसर पर सरस्‍वती शिशु मन्दिर विद्यालय सेक्‍टर-12 नोएडा में नि:शुल्‍क मेगा स्‍वास्‍थ्‍य मेले का आयोजन किया. मेले के उद्धाटन से पहले रन फॉर हेल्‍थ का आयोजन किया गया है.

नोएडा में रन फॉर हेल्‍थ का आयोजन

गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी बीएन सिंह और सीएमओ अनुराग भार्गव ने हरी झंडी दिखा कर रन फॉर हेल्‍थ को रवाना किया. ये दौड़ नोएडा स्‍टेडियम से शुरू होकर सरस्‍वती शिशु मन्दिर विद्यालय पर खत्‍म हुई. इस दौड़ में स्कूल-कॉलेजों के बच्चों और नगर की विभिन्‍न संस्‍थाओं के अलावा विभिन्न फार्मास्टिकल के कर्मचारी और डॉक्‍टर भी बडी संख्‍या में शामिल हुए.

बच्चों ने स्केटिंग कर लोगों को किया जागरूक
बच्चों ने स्केटिंग करते हुए डायबिटीज के खिलाफ नारे लगाते हुए आयोजित रन फॉर हेल्‍थ में भाग लिया. नोएडा के सरस्‍वती शिशु मन्दिर विद्यालय, यश ममोरियल, जीएनआईटी, भावराव देवरस सरस्‍वती विद्यालय के 842 छात्र ने इस दौड़ में हिस्सा लिया. सभी बच्चे हाथों में प्ले कार्ड ले कर चल रहे थे. जिनमें स्लोगन 'लक्ष्‍य हमने ठाना है, मधुमेय को मिटाना है' जैसे स्लोगन लिखे हुए थे. बच्चे भी नारे लगाते हुए चल रहे थे.

'बच्चों का उत्साह सराहनीय'
इस अवसर पर जिलाधिकारी बी. एन. सिंह ने कहा कि डायबिटीज एक लाइफस्टाइल बीमारी है और इसके बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए बच्चों ने जिस उत्साह से भाग लिया हैं. ये अत्यंत प्रशंसनीय है. उन्होंने कहा कि भविष्य में इस बीमारी से दूर रहने के लिए लाइफस्टाइल को चेंज करना जरूरी है.

'बच्चों को रियल वर्ल्ड में ज्यादा रहना चाहिए'
उन्होंने बच्चों से अपील की कि वो सेलफोन से दूरी रखें, और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल करें. जिलाधिकारी ने कहा बच्चों को फिजिकल इंटरएक्शन ज्यादा करना चाहिए और रियल वर्ल्ड में ज्यादा रहना चाहिए, ना की वर्चुअल वर्ल्ड में. हम लोग अगर इस ओर ध्यान नहीं देंगे, तो कई सारी दिक्कतें भविष्य में आएंगी.

नोएडा डायबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. जी सी वैष्‍णव ने बताया की डायबिटिक को कंट्रोल करने में दौड़ना और वॉक करना एक कारगर उपाए है. दुनिया भर में इलाज के दो तरीके है. एक नॉन ड्रग थेरेपी दुसरा ड्रग थेरपी.

'रेगुलर वॉक से बीमारियों से बच सकते है'
उनका कहना है कि नॉन ड्रग थेरेपी में दवाइयों की जरूरत नहीं होती है. इसमें अनुशासित खान-पान और व्यायाम करना होता है. जिसमें दौड़ और वॉक सबसे बढिया एक्साइज मनी जाती है. अगर रेगुलर वॉक करते है तो कई बीमारियों से बच सकते है. इसमे ना कोई खर्चा होता ना कोई पैसा लगता है. एक घंटा वॉक करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है.

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