दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

जेवर एयरपोर्ट के आसपास बसाई जा रही है अवैध कालोनियों, प्राधिकरण ने चलाया बुलडोजर

नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति को कब्जा मुक्त कराया. एयरपोर्ट के पास अवैध तरीके से कालोनिया कालोनियां बसाई जा रही थी.

अवैध कालोनियों
अवैध कालोनिप्राधिकरण ने चलाया बुलडोजरयों

By

Published : Mar 31, 2022, 2:01 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:ग्रेटर नोएडा के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में 500 करोड़ से अधिक की संपत्ति को प्राधिकरण द्वारा बुलडोजर चलाकर कब्जा मुक्त कराया गया. नोएडा प्राधिकरण की यह कार्यवाही झाझर और टप्पल क्षेत्र में की गई. बता दें कि प्राधिकरण द्वारा बुलडोजर चलाकर 5 लाख 7 हजार वर्ग मीटर जमीन को मुक्त कराया. मिली जानकारी के अनुसार एयरपोर्ट के पास अवैध तरीके से कालोनिया कालोनियां बसाई जा रही थी.

यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि यहां पर अवैध रूप से कालोनियों का निर्माण करने वाले 'अपना घर' ' यमुना विहार' सहित अनेक नाम रख कर लोगों को गलत तरीके से सरकारी जमीन बेच रहे थे. उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम झाझर तहसील सिकंदराबाद और ग्राम इनायतपुर तहसील सिकंदराबाद क्षेत्र में खासकर अवैध निर्माण हुआ था, जिसे मुक्त किया गया है. अवैध कब्जे को हटाने का निर्देश जहां यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह द्वारा दिया गया था. वहीं मौके पर अन्य अधिकारी संबंधित थाना पुलिस की मदद से अवैध कब्जे को हटवाने का काम किया. जिन-जिन खसरा और रकबा पर कॉलोनाइजर अवैध कब्जा किए थे, उन्हें बुलडोजर से हटाने का काम किया गया.

प्राधिकरण ने चलाया बुलडोजर
यमुना प्राधिकरण की वह जमीन जो जेवर एयरपोर्ट के आसपास है, उसे अवैध रूप से कॉलोनाइजर्स के द्वारा बेचने का कारोबार किया जा रहा था. इसके संबंध में प्राधिकरण के सीईओ द्वारा वहां बुलडोजर चलाकर उसे मुक्त कराया गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि प्राधिकरण की बिना अनुमति के किए गए अवैध निर्माण, प्लाटिंग के विरुद्ध उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट 1976 की धारा 10 के अंतर्गत सक्षम अधिकारी द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में कार्रवाई ध्वस्तीकरण की की जाती है और इसके तहत यह कार्रवाई की गई है. वहीं उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति, संस्था द्वारा किसी प्रकार की कोई खरीद-फरोख्त की जाती है तो उस में होने वाले किसी भी प्रकार की लाभ हानि के लिए प्राधिकरण की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी, उसके लिए व्यक्ति और संस्था स्वयं जिम्मेदार है. जिनके द्वारा भी खरीद फरोख्त की जाएगी वह अवैध संपत्ति के लिए जिम्मेदार होंगे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ABOUT THE AUTHOR

...view details