नोएडा : कोरोना मामलों के देखते हुए प्रशासन ने की बेड में बढ़ोतरी, 162 वेंटीलेटर की व्यवस्था
नोएडा के गौतमबुद्ध नगर में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बेड की संख्या में बढ़ोतरी करते हुए तकरीबन 1800 बेड, 391 ICU और 162 वेंटीलेटर की व्यवस्था की है. वहीं कोरोना में होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए अलग से स्वास्थ्य विभाग ने सेल का गठन किया है.
नोएडा में कोरोना के नए मामले
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Published : Apr 13, 2021, 7:56 PM IST
नई दिल्ली/नोएडा :शहर के गौतमबुद्ध नगर में बढ़ रहे कोरोना के मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने बेड की संख्या में बढ़ोतरी की है. प्रशासन की तरफ से जिले में तकरीबन 1800 बेड, 391 आईसीयू और 162 वेंटीलेटर की व्यवस्था की गई है. वहीं कोरोना में होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए अलग से स्वास्थ्य विभाग ने सेल का गठन किया है जो होम आइसोलेट मरीजों से वीडियो कॉल कर स्वास्थ्य संबंधित जानकारी लेती है.
कोरोना के मामलों के देखते हुए जिले से बाहर लोगों के इलाज नहीं होने की बात पर डीएम ने पूर्ण विराम लगाया है. डीएम का कहना है कि इलाज में शहरवासियों को प्राथमिकता मिलेगी.
35% बेड कोरोना मरीजों से भरे
गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एल.वाई ने बताया कि जिले में 1800 बेड की व्यवस्था की गई है. उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ती है तो आने वाले दिनों में बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी.
इसके अलावा निजी अस्पतालों को 50% बेड जनपदवासियों के लिए रिज़र्व करने को कहा गया है. जिले में 11 निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड की व्यवस्था कर ली गई है. अधिकारी ने बताया कि जिले में फिलहाल 35 फ़ीसदी बेड भरे हुए हैं. वहीं ज्यादातर मरीज होम आइसोलेशन में है. आइए एक नजर डालते हैं कि नोएडा के अस्पतालों में बेड की क्या स्थिति है.
प्राइवेट अस्पतालों में बेड की संख्या
अस्पताल (निजी)
बेड की संख्या
फोर्टिस अस्पताल
46
यथार्थ अस्पताल
200
जेपी अस्पताल
150
प्रकाश अस्पताल
50
कैलाश अस्पताल
200
इंडो अस्पताल
50
सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या
अस्पताल (सरकारी)
बेड की संख्या
राजकीय आर्युविज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोएडा
160
कोविड अस्पताल, सेक्टर-39
368
शारदा अस्पताल, ग्रेटर नोएडा
750
एनआईएनएस
200
चाइल्ड पीजीआई
100
अन्य राज्य/जनपद के लोगों मिलेगा इलाज
जिले में ICU के 391 बेड और वेंटिलेटर के 162 बेड की व्यवस्था है. जिलाधिकारी ने बताया कि जिले के वेंटिलेटर की संख्या में 50 फीसदी लोग गैर जनपद, गैर राज्य के हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. प्राथमिकता जरूर शहरवासियों को इलाज देने की है, लेकिन गैरजनपद के और अन्य राज्यों के लोगों का उपचार भी स्वास्थ्य विभाग कर रहा है.