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हरौला गांव के बाहर नाले की गंदगी 'स्वच्छ नोएडा हरित नोएडा' स्लाेगन की उड़ा रही धज्जियां - स्वच्छ नोएडा हरित नोएडा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाने वाला औद्योगिक शहर नोएडा किसी परिचय का मोहताज नहीं है, पर नोएडा प्राधिकरण द्वारा दिए गए स्लोगन स्वच्छ नोएडा और हरित नोएडा को जब लोग पढ़ते हैं तो उन्हें गलत लगता है. प्राधिकरण से चंद कदम की दूरी पर स्थित जब हरौला गांव की तरफ अगर नजर जाती है तो प्राधिकरण के स्लोगन की धज्जियां प्राधिकरण खुद कैसे उड़ा रहा है इसका नजारा देखने को मिल जाता है.

हरौला गांव के बाहर नाले की गंदगी
हरौला गांव के बाहर नाले की गंदगी

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Published : Feb 16, 2022, 10:39 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण नोएडा का पूरा नाम है, नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकास करने के साथ ही स्वच्छता का भी काम करने का दावा समय-समय पर करता रहता है और प्राधिकरण द्वारा जगह-जगह पर यह स्लोगन लिखा गया है 'स्वच्छ नोएडा हरित नोएडा' इस स्लोगन को पढ़ने के बाद लोग नोएडा को स्वच्छ और हरित समझने लगते हैं. पर प्राधिकरण से चंद कदम की दूरी पर स्थित हरौला गांव के बाहर बहने वाले नाले को देखा जाए तो प्राधिकरण द्वारा दिए गए स्लोगन की सच्चाई सामने नजर आती है.

हरौला के बाहर बहने वाले नाले का हाल यह है कि नाला काफी गहरा है और गंदगी, बदबू का अंबार (filth in Noida) लगा हुआ है. जिसके चलते नाले के रास्ते अपने घरों को जाने वाले हजारों परिवार प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर आते और जाते हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि नाले की सफाई आज तक कभी नहीं हुई, अगर हुई तो कूड़ा बाहर निकाला जाता है और फिर कुछ ही समय बाद उसे नाले में वापस गिरा दिया जाता है. नाले को ढकने से लेकर सफाई तक का ध्यान आज तक प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी जहमत नहीं उठाए हैं. जिसके चलते कुछ दिनों पूर्व एक राजा नाम के युवक की मौत नाले में गिरने से हो गई थी, जिसके बाद भी प्राधिकरण एक बार भी नाले की गंदगी को संज्ञान में नहीं लिया.

गंदे नाले से हाेकर गुजरता आदमी.
हरौला गांव के बाहर नाले की गंदगी
'स्वच्छ नोएडा हरित नोएडा' स्लाेगन की उड़ रही धज्जियां
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हरौला गांव के बाहर बहने वाले नाले के संबंध में स्थानीय निवासी सोहनपाल, ललित और रितेश का कहना है कि प्राधिकरण में कई बार नाले की गंदगी से संबंधित जानकारी दी गई पर कभी भी प्राधिकरण का कोई कर्मचारी इसे साफ करने नहीं आता है. जो सफाई करने आते हैं वह अपनी महज एक खानापूर्ति करके चले जाते हैं और गंदगी कई वर्षों से नाले में बरकरार है. वही नाले की गहराई ज्यादा होने के चलते बच्चों के गिरने का डर हमेशा बना रहता है. प्राधिकरण अगर समय रहते अब भी ध्यान नहीं दिया तो किसी बड़े हादसे के होने से इनकार नहीं किया जा सकता.


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