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चिल्ला बॉर्डर: गोल्ड मेडलिस्ट शूटर बनी भानु गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य - किसान प्रदर्शन दिल्ली-यूपी सीमा

2018 में शूटिंग में गोल्ड मेडल लेने वाली पूनम पंडित ने भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्यता ली. इस मौके पर उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

National executive member of Bhanu Group became gold medalist shooter Poonam Pandit
गोल्ड मेडलिस्ट शूटर पूनम पंडित

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Published : Jan 1, 2021, 3:18 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) कई किसान गुटों के सहयोग से चिल्ला बॉर्डर पर पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन करने में लगा हुआ है. साथ ही लोग नए साल के जश्न मनाने की तैयारी तमाम तरीके से करने में लगे हुए हैं.

गोल्ड मेडलिस्ट शूटर बनी भानु गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य

वहीं किसान यूनियन (भानु गुट) कृषि कानून के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठे हुआ है. किसानों का कहना है कि नए साल का जश्न चिल्ला बॉर्डर पर ही मनाया जाएगा और यह जश्न इतना प्रभावी होगा कि सरकार को भी पता चल जाएगा. बता दें कि आज भारतीय किसान यूनियन भानू गुट में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के पद पर गोल्ड मेडलिस्ट शूटर ने सदस्यता ग्रहण की है.


भानु गुट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बनी सदस्य

भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) कृषि कानून के विरोध में चिल्ला बॉर्डर पर 31 दिनों से धरना प्रदर्शन करने में लगा हुआ है. इस दौरान कई किसान गुट आए और भानु गुट का समर्थन करते हुए चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठ गए. वहीं वर्ष 2020 के अंतिम दिन 2018 में शूटिंग में गोल्ड मेडल लेने वाली पूनम पंडित ने भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य के पद पर ज्वाइन किया है. पूनम पंडित के भानु गुट से जुड़ जाने को लेकर किसानों का मानना है कि धरने में और जोश आएगा और महिला सदस्य होने के चलते सरकार पर मजबूती से दबाव बनेगा.


पूनम पंडित का क्या है कहना

शूटिंग में गोल्ड मेडल लेने वाली पूनम पंडित ने भारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्यता ली. इस मौके पर पूनम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि वह किसान परिवार से आती हैं और किसान उनका परिवार है और परिवार के हक की लड़ाई के लिए मैं हर स्तर पर खड़ी रहूंगी.

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नए साल को लेकर पूछे गए प्रश्न पर पूनम पंडित का कहना है कि चिल्ला बॉर्डर पर चल रहे धरने पर ही नया साल मनाया जाएगा. क्योंकि धरने पर बैठे किसान भी हमारे परिवार के हैं और परिवार के साथ ही लोग नए साल को मनाते हैं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.

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