नई दिल्ली/नोएडा:लॉकडाउन के बाद रियायतों के बीच भी बाजारों पर पहरा जारी है. ऑड-ईवन फार्मूले से राहत मिली तो शनिवार और रविवार को साप्ताहिक बंदी का नियम लागू है. त्योहारों के सीजन में व्यापारियों ने वीकेंड लॉकडाउन का खुलकर विरोध करना शुरू कर दिया है.
वीकेंड लॉकडाउन: 'शराब की दुकान खुली तो व्यापारियों पर पाबंदी क्यों?'
कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन के बाद वीकेंड लॉकडाउन आ गया है. इसके खिलाफ व्यापारियों ने विरोध भी शुरू कर दिया है. इसी को लेकर यूपी व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने बताया कि वीकेंड लॉकडाउन की वजह से 100 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि शराब की दुकान खुली हैं तो व्यापारियों पर पाबंदी क्यों ?
उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष नरेश कुच्छल ने बताया कि वीकेंड लॉकडाउन की वजह से जिले में तकरीबन 100 करोड़ रुपये का नुकसान होता है. ऐसे में व्यापारियों की कमर टूट रही है. साथ ही इसको लेकर व्यापारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीएम के नाम ज्ञापन सौपा है.
'शराब की दुकान खुलीं तो व्यापार क्यों नहीं'
जिला व्यापार अध्यक्ष और प्रांतीय कोषाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने बताया कि नोएडा एक औद्योगिक क्षेत्र है, जुलाई तक वीकेंड लॉकडाउन की बात समझ में आई लेकिन अगस्त में तमाम सुविधाएं और रियायत दी गई लेकिन व्यापारियों को इससे राहत नहीं मिल रही है. शनिवार और रविवार को शराब की दुकानें खुल सकती हैं तो व्यापारियों को कारोबार करने की इजाजत क्यूं नहीं.
'100 करोड़ का 'वीकेंड' नुकसान'
ज़िला एक औद्योगिक नगरी है, शनिवार और रविवार को इकाइयां बंद रहती हैं. ऐसे में श्रमिक और मजदूर वर्ग शनिवार और रविवार को शॉपिंग करने निकलता है लेकिन बाजार बंद हैं. ऐसे में जिले में तकरीबन 100 करोड़ रुपये के राजस्व का सरकार को नुकसान होता है.
जिले के व्यापारी लगातार गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन से यह मांग कर रहे हैं कि वीकेंड लॉकडाउन यानी शनिवार और रविवार की जगह अन्य किसी भी 2 दिन मार्केट बंद रखी जाए. वीकेंड शनिवार और रविवार को सबसे ज्यादा ग्राहक दुकानों आते हैं.