नई दिल्ली/नोएडा :नोएडा प्राधिकरण में ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने और इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से निगरानी को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई गई महत्वाकांक्षी परियोजना पूरी हो गई है. इसकी जानकारी नोएडा प्राधिकरण की CEO रितु माहेश्वरी ने ट्वीट कर दी है. रितु माहेश्वरी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इंटेलीजेंट ट्रैफिक सिस्टम चालू होने के साथ 1065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नोएडा के 84 क्रॉसिंगों पर नजर रखी जा रही है, जिससे नोएडा को और सुरक्षित और स्मार्ट सिटी बने.
तीसरी आंख की निगरानी में रहेगा नोएडा, लगे हजार से अधिक CCTV
नोएडा विकास प्राधिकरण ने ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिये जाम का शिकार होने वाले 84 चौराहों पर 1,065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखने के लिये महत्वाकांक्षी परियोजना बनाई थी. इसके लिए 88.4 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था.
नोएडा विकास प्राधिकरण ने ट्रैफिक जाम की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिये जाम का शिकार होने वाले 84 चौराहों पर 1,065 सीसीटीवी कैमरों की मदद से नजर रखने के लिये महत्वाकांक्षी परियोजना बनाई थी. इसके लिए 88.4 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था. एक निजी एजेंसी एफकॉन इंडिया लिमिटेड को इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने का काम सौंपा था. इसका कमांड और कंट्रोल रूम से सिस्टम सेक्टर 94 स्थित लगाया गया, जहां से चौबीसों घंटे पुलिसकर्मी निगरानी कर रहे हैं. परियोजना के तहत 40 व्यस्त क्रॉसिंगों पर एक अनुकूली ट्रैफिक लाइट नियंत्रण प्रणाली स्थापित की गई है. 18 स्थानों पर स्पीड डिटेक्शन सिस्टम और शहर में 22 बिंदुओं पर ट्रैफिक एडवाइजरी और अलर्ट प्रसारित करने के लिए वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगाए गये हैं. इसके अलावा, इसमें स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली, लाल बत्ती उल्लंघन पहचान प्रणाली, निगरानी कैमरे और सार्वजनिक घोषणा प्रणाली भी शामिल है. इन सुविधाओं का रणनीतिक रूप से मुख्य प्रवेश और निकास बिंदुओं और उच्च गति वाले गलियारों में उपयोग किया गया.
नोएडा प्राधिकरण के यातायात प्रकोष्ठ के प्रभारी एससी मिश्रा का कहना है कि गति को कम करने, यातायात की स्थिति में सुधार और सुरक्षा कवर बढ़ाने के अलावा, परियोजना के तहत उपलब्ध सुविधाओं से वाहन चोरी में भी कमी आएगी. नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम पुलिस कंट्रोल रूम को चोरी के वाहन की लोकेशन के बारे में अलर्ट करेगा. अधिकारियों ने कहा कि इस प्रणाली को ई-चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिसके माध्यम से यातायात उल्लंघनकर्ताओं की पहचान की जाएगी और नियम तोड़ने के कुछ ही मिनटों के भीतर उन्हें दंडित किया जाएगा.एजेंसी इसे स्थापित करने के बाद अब पांच साल की अवधि के लिए सिस्टम का संचालन और रखरखाव भी करेगी.