नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा जिला अस्पताल में लाखों की मशीनें अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के चलते धूल फांक रही हैं. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में लाखों की मशीनें अस्पताल में लगाई गई थी. ताकि मरीजों की जांच हजारों रुपए की बजाय महर 1 रुपए के खर्च में हो जाए, लेकिन अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें धूल फांक रही हैं. इन पर जमी धूल की परत ये बता रही है, कि कितने लंबे अर्से से ऑपरेट नहीं की गई है.
पैथोलॉजी लैब में लगी 55 लाख रुपए की मशीन हमेशा बंद रहती है. लाखों रुपए की मशीन लैब में लगी है, लेकिन किट के अभाव में उसे बंद कर दिया गया है. इस मशीन से 50 तरह के टेस्ट आसानी से किए जा सकते हैं. इन्हीं टेस्ट के लिए मरीजों को बाहर हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं. इस मशीन से होने वाली जांचों में बायोमेट्रिक, हारमोंस और सीरोलॉजी की जांच से करीब 50 तरह की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है. यह मशीन कब से बंद पड़ी है, इसका जवाब लैब स्टॉफ के पास भी नहीं है. उसका कहना है कि मेरे यहां आने से पहले से ही यह मशीन बंद पड़ी है.