नई दिल्ली/लखनऊ: मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी की अध्यक्षता में जेवर एयरपोर्ट के लिए गठित प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग इंप्लीमेंटेशन कमेटी (पीएमआईसी) की बैठक गुरुवार को लोक भवन में संपंन्न हुई. इसमें जेवर एयरपोर्ट के दो रनवे को बढ़ाकर चार से छह रनवे किए जाने के संबंध में रिपोर्ट पेश की गई. यह रिपोर्ट तकनीकी परामर्शदाता के अध्ययन पर आधारित है. चर्चा के बाद पांच रनवे बनाये जाने पर सहमति बनी है, जिसे कमेटी ने कैबिनेट के पास भेजने का निर्णय लिया है.
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में दो रनवे के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के विकास के लिए ग्लोबल ई-बिडिंग के माध्यम से विकासकर्ता के रूप में जूरिक एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी का चयन किया जा चुका है. गत सात अक्टूबर को कंसेशन एग्रीमेंट ज्यूरिक एयरपोर्ट और राज्य सरकार की कंपनी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड नायल के मध्य हस्ताक्षर हो चुका है. मुख्य सचिव के समक्ष परामर्शदाता संस्था सीडब्ल्यूसी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा एयरपोर्ट और यमुना प्राधिकरण डॉ. अरुण वीर सिंह ने प्रस्तुतीकरण किया. इस प्रस्तुतीकरण में कुल पांच रनवे की फिजबिलिटी बताई गई.
कैबिनेट में होगा निर्णय
वर्तमान में दो रनवे के अतिरिक्त तीन और रनवे बनाए जा सकते हैं. गहन विचार विमर्श के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता की पीएमआईसी ने पांच रनवे बनाए जाने और वित्त की उपलब्धता होने पर भूमि अधिग्रहण करने की संस्तुति मंत्रि परिषद के लिए कर दी है. कैबिनेट के निर्णय के बाद इस पर अमल किया जाएगा.5
5 रनवे के लिए 4,752 हेक्टेयर भूमि
पहले चरण में तीसरे रनवे के लिए 1,365 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होगा. पहले चरण के दो रनवे के लिए 1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है. दूसरे चरण में तीन रनवे के लिए कुल 3,418 हेक्टेयर भूमि की जरूरत होगी. दूसरे चरण के प्रथम फेज में 1,365 हेक्टेयर, दूसरे फेज में 1,318 हेक्टेयर और तीसरे फेज में 735 हेक्टेयर भूमि शामिल होगी. पांच रनवे के जेवर एयरपोर्ट में कुल 4,752 हेक्टेयर की भूमि सम्मिलित होगी.
इन अधिकारियों ने भी रखा पक्ष
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन और अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन एसपी गोयल ने भी जेवर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने की आवश्यकता बताई. बैठक में प्रमुख सचिव न्याय जेपी सिंह, विशेष सचिव मुख्यमंत्री एवं नागरिक उड्डयन सुरेंद्र सिंह और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन, मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा प्राधिकरण रितु माहेश्वरी, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण नरेंद्र भूषण एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.