दिल्ली

delhi

ETV Bharat / city

नोएडा प्राधिकरण पर किसान अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे

117 दिनों से नोएडा के 81 गांवों के किसानों का नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है. ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ नोएडा अथॉरिटी(Noida authority) पर आमरण अनशन करने वाले किसानों की तबीयत बिगड़ी गई. जिससे 16 किसानों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर हैं 34 किसान.

नोएडा प्राधिकरण
नोएडा प्राधिकरण

By

Published : Dec 27, 2021, 10:36 PM IST

नई दिल्ली/ नोएडा:राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर के बाहर पिछले 117 दिनों से 81 गांवों के किसान भारी संख्या में महिलाओं के साथ धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी दौरान किसान अब आमरण अनशन पर बैठना शुरू कर दिए हैं. आमरण अनशन के दौरान करीब दो दर्जन से अधिक किसानों की तबीयत बिगड़ी. जिन्हें एंबुलेंस के माध्यम से नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां कुछ किसानों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है.

वहीं कुछ किसानों का अभी भी इलाज चल रहा है. साथ ही सात किसान अभी भी आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. जिसमें किसान नेता सुखबीर खलीफा भी शामिल हैं. आज किसानों ने ट्रैक्टर रैली भी निकाली, जो सेक्टर 6 से डीएम चौराहा होते हुए सेक्टर 21ए, सेक्टर 8 और सेक्टर 11 होते हुए सेक्टर 6 धरना स्थल पर आकर समाप्त हुई.

नोएडा अथॉरिटीपर आमरण अनसन करने वाले किसानों की तबियत बिगड़ी गई

पिछले आठ दिनों से आमरण अनशन पर 34 किसान हैं. जिसमें 14 किसान अभी भी भर्ती हैं, जबकि 16 किसानों को अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद घर जाने की छुट्टी दे दी गई है. अनशन के शुरुआती दौर में महिलाएं भी शामिल हुई थीं.

ये भी पढे़ं:दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों की पुलिस से झड़प, कई हिरासत में


किसानों की प्राधिकरण से चल रही वार्ता और किसानों के आमरण अनशन पर बैठे जाने के संबंध में किसान नेता सुधीर चौहान ने बताया कि आमरण अनशन पर बैठे किसानों की तबीयत धीरे-धीरे बिगड़ने लगी है. ज्यादातर लोगों का ब्लड प्रेशर(Blood pressure) कम हो गया है और शुगर लेवल भी डाउन हुआ है. जो चिकित्सकों की देखरेख में हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि प्राधिकरण से लेकर नोएडा के जनप्रतिनिधियों से समस्याओं को लेकर वार्ता की जा रही है. वार्ता के बाद जनप्रतिनिधि बातों को भूल जाते हैं. जिसकी वजह से किसानों की मांग खुलकर सामने नहीं आ पा रही है.


ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप

ABOUT THE AUTHOR

...view details