नई दिल्ली/नोएडा: वैश्विक महामारी कोरोना और लॉकडाउन की वजह से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई परिवार तो ऐसे हैं जिनकी नौकरियां छूट गईं हैं, और वो आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. नोएडा की गगनचुंबी इमारतों में काम करने वाली घरेलू सहायिकाएं भी उन्हीं में से एक हैं. जिनके लिए दो जून की रोटी जुटाना भी काफी मुश्किल हो गया है.
कोरोना काल में रोजी-रोटी पर संकट घरेलू सहायिकाओं का कहना है कि उनकी आमदनी का स्रोत बंद है, जिसकी वजह से वह दाने-दाने को मोहताज हैं. घर का खर्च चलाना उनके लिए एक बड़ी समस्या बनकर सामने खड़ी है. एक तरफ कोरोना की मार तो दूसरी तरफ आर्थिक तंगी की मार. ऐसे में वह लोगों से उधार मांग कर घर खर्च चलाने के लिए मजबूर हैं. वही सरकार द्वारा चलाई गई तमाम योजनाओं में से किसी का भी इन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा क्योंकि नोएडा से संबंधित इनके पास कोई दस्तावेज नहीं है.
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एक घरेलू सहायिका ने बताया कि घर में वह अकेली कमाने वाली हैं. पति बीमारी और लॉकडाउन की वजह से बेरोजगार हैं. जिससे आए दिन लड़ाई-झगड़े भी हो रहे हैं. इसके अलावा एक और घरेलू सहायिका ने बताया कि 3 महीने से घर में बैठी हूं, क्योंकि जहां काम करने जाती थी, वहां कोरोना की वजह से उन्होंने घर में आने से मना कर दिया. हालत ऐसी हो गई है कि कर्ज लेकर घर चलाना पड़ रहा है.
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वहीं मजदूर एसोसिएशन के नेता गंगेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि हमारी ओर से 7500 रुपये और फ्री राशन घरों, छोटे स्कूलों और छोटे कारोबार करने वालों को देने की मांग की है. सरकार की ओर से फ्री राशन देने का ऐलान किया गया है लेकिन वो सिर्फ राशन कार्ड धारकों को मिलेगा. लेकिन परेशानी ये है कि ज्यादातर लोगों के पास राशन कार्ड ही नहीं है. ऐसे में सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.