नई दिल्ली/लखनऊ: यूपी रेरा ने जेपी रियल एस्टेट ग्रुप को बड़ा झटका दिया है. ग्रुप के नाइट कोर्ट परियोजना से जुड़े होम बायर्स के लिए राहत की खबर है. नोएडा के सेक्टर-128 में जेपी एसोसिएट के नाइट कोर्ट प्रोजेक्ट के निर्माण की निगरानी होम बायर्स को दी गई है. यूपी रेरा की शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया है. यूपी रेरा ने आदेश दिया है कि इस पूरी परियोजना का निर्माण बिल्डर ठेकेदार के रूप में करेगा, जबकि प्रोजेक्ट की पूरी मॉनिटरिंग होम बायर्स करेंगे. इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी होम बायर्स के हाथों में जाने और जेपी एसोसिएट कंपनी ठेकेदार की भूमिका में रहेगी, जो ग्रुप के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
यूपी रेरा चेयरमैन राजीव कुमार ने बताया है कि जेपी एसोसिएट्स की नाइट कोर्ट प्रोजेक्ट जेपी समूह के विष्टाउन इंटीग्रेटेड सिटी प्रोजेक्ट का हिस्सा है. उन्होंने बताया कि यह प्रोजेक्ट जेपी ग्रुप की तरफ से साल 2012 में लांच किया गया था. इसके अंतर्गत वर्ष 2014 से सभी तरह के निर्माण कार्य अटके पड़े हैं. इस प्रोजेक्ट में 8 टावर बनाए गए हैं और 310 आवंटी हैं. नियमों के मुताबिक 60 फीसदी निर्माण अभी तक नहीं हुआ है.
नोएडा: यूपी रेरा ने दिया जेपी ग्रुप को झटका, जानें वजह - लखनऊ की ताजा खबर
यूपी रेरा ने जेपी रियल एस्टेट ग्रुप को बड़ा झटका दिया है. रेरा ने नोएडा के सेक्टर-128 में जेपी एसोसिएट के नाइट कोर्ट प्रोजेक्ट के निर्माण की निगरानी होम बायर्स को दी गई है.
रेरा की दखलंदाजी के बिना संभव नहीं निर्माण
आदेश में कहा गया है कि इस नाइट कोर्ट प्रोजेक्ट में रेरा की दखलंदाजी के बगैर निर्माण कार्य पूरा होना संभव नहीं है. फ्लैट खरीदारों की एसोसिएशन इस मामले को लेकर यूपी रेरा के पास गई थी और इसके बाद यह फैसला लिया गया है कि जेपी ग्रुप कंपनी ठेकेदार की भूमिका में काम करेगी.
जेपी ग्रुप और होम बायर्स मिलकर देंगे पैसा
यूपी रेरा चेयरमैन के अनुसार जेपी एसोसिएट्स की इस परियोजना का काम पूरा करने के लिए अभी भी 145 करोड रुपये की जरूरत होगी. इसमें से करीब 40 करोड़ 50 लाख रुपये जेपी एसोसिएट्स देगा. यह पैसा कंपनी ने फ्लैट खरीदने वाले होम बायर्स से लिया है.
रेरा करेगा मॉनिटरिंग
वहीं करीब 103 करोड़ 35 लाख रुपये का भुगतान फ्लैट खरीदार अपना बकाया के रूप में करेंगे. परियोजना पर काम शुरू करने के 2 सप्ताह में कंपनी 10 करोड़ रुपये देगी. साथ ही यूपी रेरा खरीदारों के संगठन और प्राधिकरण परियोजना की विशेष मॉनिटरिंग करेगा.