नई दिल्ली/नोएडा: होम बायर्स ने जेपी ग्रुप के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जेपी ग्रुप पर आरोप है कि उसने साल 2008 से 2011 तक फ्लैट्स का पजेशन नहीं दिया. जबकि फ्लैट खरीददारों ने अपने जीवन भर की पूंजी फ्लैट की कीमत चुकाने में लगा दी.
होम बॉयर्स ने जेपी इंफ्राटेक के मालिकाना हक को लेकर जेपी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए हैं. 32 हज़ार से ज़्यादा बॉयर्स का पैसा फंसा हुआ है, लेकिन बॉयर्स के हाथ आज भी खाली हैं.
'मोदी जी एक एहसान करा दो JAYPEE से हमारा मकान दिला दो' बॉयर्स ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि JP के बायर्स मदद का इंतज़ार कर रहे हैं, आखिर कब जागेगी केंद्र सरकार. फ्लैट खदीदारों का ये भी कहना है कि 'मोदी जी एक अहसान करो JP से मकान दिलवा दो'.
बॉयर्स का आरोप है कि IRP (इंसॉल्वेंसी रिजर्वेशन प्रोफेशन) बिल्डर के पक्ष में काम कर रहा है. जेपी होम बायर्स एसोसिएशन की तरफ से एक नोएडा सेक्टर 27 के फार्च्यून होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया कि जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड से घर लिया, उसमें उन्होंने कहा कि जय प्रकाश इंफ्राटेक कंपनी को पैसा दिया जाए. वो कंपनी दिवालिया हो गई, जबकि उनके पास पैसा था. उन बायर्स का पैसा डायवर्ट कर दिया.
फ्लैट बायर्स ने सरकार से मदद की अपील की अब हमने सरकार से मांग की है कि सरकारी एजेंसी एनबीसीसी ग्रुप के प्रोजेक्ट को कंप्लीट करें और जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड का मालिकाना हक एनबीसीसी के पास ही रहे.
घर खरीददारों के मुताबकि जो रिजॉल्यूशन पास हुआ है वो होम बायर्स के हक में बिल्कुल नहीं है. जो वेबसाइट बन रही है वो भी गलत है.
खरीददारों ने ये भी बताया कि जेपी ग्रुप फ्रॉड है, अगर JAL जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड के पास पैसे हैं तो वह अपने बाकी प्रोजेक्ट कंप्लीट क्यों नहीं कर रहा? बॉयर्स ने कहा जेपी ग्रुप धोखा करता आया है और आगे भी धोखा ही करेगा.
फ्लैट बायर्स ने सरकार से मदद की अपील की जेपी ग्रुप के बॉयर्स ने आरोप लगाया है और कहा है कि JIL के मालिकाना हक को लेकर जो वोटिंग हो रही है उसमें JP ग्रुप बयर्स के साथ धोखाधड़ी कर रहा है. कभी वेबसाइट ठप हो जाती है, तो कभी पासवर्ड बदल जाता है, कभी OTP किसी और के नंबर पर चला जाता है. ऐसे में यह सारी गतिविधियां जेपी ग्रुप पर सवाल खड़े करती हैं.
फ्लैट बायर्स ने सरकार से मदद की अपील की बॉयर्स ने जेपी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ये सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि उसे जयप्रकाश इंफ्राटेक लिमिटेड का मालिकाना हक मिल जाए.