नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:अगर पूरी शिद्दत से किसी चीज़ को चाहो तो सारी कायनात आपको उससे मिलाने में जुट जाती है. ये डायलॉग दिलेलपुर गांव के निवासियों के लिए फिल्मी साबित हुआ है. गांव के लोग पूरी शिद्दत से तमाम दुश्वारीयों को झेलते हुए यमुना नदी को पार कर मतदान करने जाते हैं. या फिर अपने संवैधानिक अधिकारों का इस्तेमाल करने के दूसरा ऑप्शन उन्हें 90 किलोमीटर दूर जाकर मतदान करना पड़ता है.
आपको बता दें कि गांव का वजूद देश के पहले आम चुनाव यानी 1952 के समय से है. लेकिन जिला प्रशासन और सरकार द्वारा आज तक कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गई के गांव के लोग अपने ही गांव में मतदान केंद्र बना दिया जाए जिससे कि वह अपने गांव में ही मतदान कर सकें. ग्रामीणों का कहना है कि इन लोगों से आज तक ना तो किसी नेताओं ने वोट मांगें हैं और ना ही इनके गांव का विकास किया गया है.
ग्रेटर नोएडा के दलेलपुर जाने का रास्ता फरीदाबाद होकर जाता है. दिल्ली के कालिंदी कुंज से करीब 50 किलोमीटर दूर दलेलपुर गांव है.दलेलपुर गांव का पोलिंग बूथ गुलावली में है, जो यमुना एक्सप्रेस-वे से सटा है. अगर इस गांव के लोग वोट डालने जाएं, तो पहले उन्हें फरीदाबाद से होकर निकलना पड़ेगा, फिर दिल्ली, इसके बाद नोएडा और तब आखिरी पड़ाव के रूप में ग्रेटर नोएडा जाना पड़ेगा.
पोलिंग बूथ पर पहुंचने का एक दूसरा जरिया भी है, जो जोखिम भरा है. इसके लिए गांव के लोगों को यमुना नदी लांघनी पड़ती है. यह भले शॉर्टकट रास्ता है, लेकिन यमुना तट पर पहुंचने के लिए गांववालों को पहले तीन किलोमीटर पैदल मार्च करना पड़ता है, फिर नाव के सहारे वह नदी पार करते हैं. पार उतरने के बाद एक बार फिर पांच किलोमीटर पैदल चल कर मतदान करने पहुंचते हैं.