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Published : Nov 5, 2019, 10:23 PM IST

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पुलिस ने 10 बदमाशों को किया गिरफ्तार, क्राइम का तरीका जान हो जाएंगे हैरान

ग्रेटर नोएडा पुलिस ने तीन लुटेरे गिरोहों के 10 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों गिरोह अबतक 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके हैं. ये गैंग सैक्टर-37, महामाया फ्लाई ओवर, परी चौक तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सक्रिय रहते थे.

लुटरे गैंग

नई दिल्ली/ग्रे.नोएडा: पुलिस ने गाड़ियों में लिफ्ट देकर मारपीट और लूटपाट करने वाली तीन गिरोहों का खुलासा किया है. ग्रेटर नोएडा पुलिस ने इनके 10 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों गैंग अबतक 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके है. पकड़े गए बदमाशों में एक गिरोह का सरगना एम्स में टेक्नीशियन के पद पर तैनात हैं.

तीन लूटेरे गिरोहों के 10 बदमाश गिरफ्तार

पकड़े गए बदामाशों से लूट का सामान बरामद किया गया है. मुखबिर की सूचना पर साइट-5 कोतवाली की पुलिस ने लुटेरे तीनों गिरोह को सिरसा, पी-3 गोल चक्कर और सेक्टर-93 से गिरफ्तार किया है.

लूट का सामान बरामद
इनके पास से 22 मोबाइल फोन, 5000 रुपये की नकदी, एक लैपटॉप, एक घड़ी, 2 कार, पीले रंग की तीन नंबर प्लेट, एक एम्प्लीफायर, दो तमंचा 315, 4 जिंदा कारतूस, 6 चाकू-छुरे, आईडी, दो बैग और अन्य समान बरामद हुए हैं.

बहाने से सवारी को लूटते थे शातिर
एसएसपी ने बताया कि ये लोग सवारियों को अपनी गाड़ियों में बिठाते. उसमें पहले से ही तीन से चार लोग होते थे. सवारी को पिछली सीट पर बैठाया जाता. गिरोह का एक सदस्य जो पीछे बैठा रहता था, किसी ना किसी बहाने से कभी उल्टी आने का बहाना करके, कभी उस सवारी के बताये गई जगह से पहले उतरने का बहाना बनाकर सवारी को बीच में बैठा लेते थे.

कार्ड से पेटीएम कर लेते थे पैसे
ये बदमाश सवारियों के एटीएम कार्ड का नम्बर अपने पेटीएम अकाउन्ट में डालते और सवारी के लूटे हुए फोन में आए ओटीपी को डालकर अपने पेटीएम अकाउन्ट में पैसा ट्रान्सफर कर लेते थे. कई बार इन गिरोहों ने सवारियों के लूटे गये एटीएम कार्डों से मारपीट कर पिन नम्बर पूछकर पैसे भी निकाल चुके हैं.

'पहले साथी थे फिर अपनी ही गैंग बना ली'
एसएसपी ने बताया कि भागीरथ यादव उर्फ साधू पहले कुलदीप के गैंग में रहकर वारदातों को अंजाम देता था. बाद में इसने अपना अलग गैंग बना लिया. दूसरे गैंग का सरगना कुलदीप भागीरथ यादव उर्फ साधू के गैंग के साथ मिलकर भी कई घटनाएं कर चुका है. अब अपना अलग गैंग चला रहा है. वो तीसरे गैंग के सरगना शशिकान्त के साथ मिलकर पहले लूट की कई घटनाओं को अंजाम दे चुका है. ये गैंग सैक्टर-37, महामाया फ्लाई ओवर, परी चौक तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सक्रिय रहते थे. ये तीनों गैंग अबतक 100 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुके है.

तीनों गैंग के लुटेरों की हुई पहचान -
गैंग नंबर -1
एक गिरोह का सरगना भागीरथ यादव उर्फ साधू पहले उबर कैब चलाता था. इस गिरोह का सदस्य सुरेश यादव प्राइवेट गाड़ी चलाता है. चन्द्रकेश यादव भी उबर कैब का चालक है और जनार्दन इलेक्ट्रीशिन, प्लम्बर का कार्य करता हैं. ये लोग सेक्टर-93 के गेझा गांव में अस्थायी रूप से किराये के मकानों में रहकर अपना गैंग संचालित कर रहे थे.

गैंग नंबर- 2
दूसरे गैंग का सरगना कुलदीप उबर कैब चालक है. इसके साथी सोनू गौतम उर्फ बिल्ली सिलाई का और बादल सफाई का काम करते है. ये लोग भी ग्राम गेझा में रहते हैं और वहीं से गैंग चला रहे थे.

गैंग नंबर- 3
तीसरे गैंग का सरगना शशिकान्त एम्स में टेक्नीशियन का काम करता है. उसका साथी सूरज उर्फ सागर, इसके अलावा सोनू जाटव उर्फ भाटी सफाई का काम करता है. ये लोग भी ग्राम गेझा में रहकर अपना गिरोह चला रहे थे.

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