नई दिल्ली/ग्रे.नोएडाः ग्रेटर नोएडा में सीवर की सफाई के लिए प्राधिकरण ने नया तरीका अपनाते हुए अब रोबोट को तैनात किया है. ग्रेटर नोएडा में अब रोबोट सीवरों की सफाई कर रहा है. बता दें कि सीवरों की जाम होने की समस्या लगातार सामने आ रही थी. अब रोबोट आने के बाद ये काम जल्दी से होगा और कर्मचारियों की सुरक्षा भी हो पाएगी. क्योंकि आए दिन सीवर सफाई करते समय सफाईकर्मी की जान जाने की खबरे सामने आती रहती थी. दिल्ली एनसीआर में इस तरह का पहला प्रयोग है.
ग्रेटर नोएडा में सीवर लाइन साफ करेंगे रोबोट ट्रायल के तौर पर हो रही शुरुआत
ग्रेटर नोएडा में सीवर जाम की गंभीर समस्या का हल तलाशने में प्राधिकरण लंबे समय से लगा था. जांच के दौरान सामने आया था कि सीवर में लगे प्लग न हटने के कारण सीवर उफन रहे हैं. प्लग तोड़ने के लिए प्राधिकरण ने पूरी ताकत झोंकी. इसके बावजूद सीवर की समस्या का पूरी तरह से समाधान नहीं हुआ. सीवर की सफाई के नाम पर गंदगी को नाले में बहाने का काम किया जा रहा था.
डेल्टा दो से शुरुआत की गई
ग्रेटर नोएडा के डेल्टा दो से इसकी शुरुआत की गई है. रोबोट भूतल से आठ मीटर नीचे जाकर सीवर की सफाई कर सकेगा. इसमें एक स्वचलित कैमरा भी लगा है, इसके जरिए सीवर में प्लग, ब्लाकेज आदि की जानकारी डैशबोर्ड पर मिलेगी. सीवर से निकलने वाली गाद के कारण होने वाली गंदगी का भी समाधान होगा.
चालीस लाख रुपये है रोबोट की कीमत
रोबोट की कीमत चालीस लाख रुपये है. इससे एक दिन में दस मेनहोल की सफाई हो सकेगी. वहीं सीवर उफनने की समस्या के निस्तारण के लिए भी शुक्रवार को सुपर सकर मशीन से कार्य की शुरुआत हुई. जीटा एक सेक्टर में प्राधिकरण सीईओ ने इसकी शुरुआत की थी. यह 120 मीटर तक सीवर की सफाई कर सकेगी.
कंट्रोल रूम भी स्थापित
प्राधिकरण ने शहर में सीवर की समस्या को देखते हुए इसे कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है. ग्रेटर नोएडा में सीवर शोधन के लिए 137 एमएलडी का संयंत्र लगा हुआ है. लेकिन अभी भी यह आधी क्षमता पर ही संचालित हो रहा है. बता दें कि दिल्ली एनसीआर में सीवर की सफाई के लिए मशीन का उपयोग करने वाला ग्रेटर नोएडा पहला शहर है.