नई दिल्ली/नोएडा: चार फर्जी पत्रकारों की गिरफ्तारी के बाद नोएडा पुलिस ने पांच दिन की रिमांड लेकर पूछताछ की. इनमें कई नए मामले सामने आए हैं. कुछ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध है, जो जांच का विषय है.
सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त नीतीश पांडेय 'पुलिस न्यूज यूपी डॉट कॉम पोर्टल' का संचालन करता है.
एसएसपी ने दी जानकारी
पोर्टल का कार्यालय लखनऊ के गोमती नगर में है. अभियुक्त भी इसी मकान में रहता है. पोर्टल का डोमेन सिद्धार्थ दुबे पुत्र रविन्द्र दुबे के नाम से पंजीकृत है. सिद्धार्थ नीतीश का रिश्ते में भाई है. लखनऊ का मकान सिद्धार्थ दुबे और उसके भाई विक्रांत दुबे का है.
जमीन पर अवैध कब्जे का मामला
सिद्धार्थ और विक्रांत ने वर्ष-2011, 2012 और 2013 में नोएडा के गढ़ी गांव में पांच रजिस्ट्री के माध्यम से अपनी पत्नियों अनिता और ज्योत्स्ना दुबे के नाम से 1000 वर्गमीटर से अधिक जमीन खरीदी थी. वो जमीन वर्ष-2006 से ही नोएडा प्राधिकरण द्वारा अधिग्रहित और कब्जा प्राप्त है. उस पर रविन्द्र दुबे का अवैध कब्जा था.
एसएसपी ने बताया कि इस बात के सबूत उपलब्ध हैं कि वर्ष-2018 में नीतीश पांडेय ने चंदन राय के साथ मिलकर गढ़ी गांव के खसरा नंबर-17 में गढ़ी निवासी राम निवास को कब्जे से बेदखल कर रविन्द्र दुबे को कब्जा दिलवाया था, जिसमें स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध लग रही है.
गिरफ्तार तीन अभियुक्तों पर ठगी की FIR दर्ज
डीएम और एसएसपी ने बताया कि अभियुक्त सुशील पंडित, रमन ठाकुर और उदित गोयल ने 30 जनवरी-2019 को थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को कॉल सेंटर से संबंधित मुकदमें में अभियुक्त का नाम निकालने के लिए प्रेरित किया था.