नई दिल्ली/नोएडा:उत्तर प्रदेश सरकार जहां एक तरफ राजस्व बढ़ाने पर ध्यान दे रही है. वहीं नोएडा परिवहन विभाग से कुछ आंकड़े ऐसे निकल कर सामने आए, जो कहीं ना कहीं सरकार की टेंशन जरूर बढ़ा सकते हैं.
निजी में तब्दील हो रहे व्यवसायिक वाहन, सरकार को करोड़ों का नुकसान
लॉकडाउन और ईंधन के दामों में बढ़ोत्तरी के चलते नोएडा में पिछले एक साल के दौरान करीब 700 कामर्सियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराकर प्राइवेट रजिस्ट्रेशन कराया है. जिससे सरकार के राजस्व को लगभग 1 करोड़ रुपये का नुकसान होने वाला है.
लॉकडाउन से टैक्सी वालों की कमाई पर काफी असर पड़ा तो वहीं पेट्रोल और डीजल के दामों ने कमर तोड़ दी. जिसके चलते नोएडा में पिछले 1 सालों में करीब 700 कमर्शियल वाहन ऐसे हैं, जिन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन कैंसिल कराकर प्राइवेट रजिस्ट्रेशन कराया है. ऐसे में राजस्व को भारी नुकसान हो रहा है.
सरकार को राजस्व का लगेगा चूना
गौतमबुद्ध नगर परिवहन विभाग के ARTO (प्रशासन) ए.के. पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले लॉक डाउन के बाद से करीब 200 गाड़ियां कमर्शियल का रजिस्ट्रेशन कराया है. वहीं तकरीबन 692 के करीब ऐसे वाहन हैं, जो कमर्शियल से पर्सनल में तब्दील हुए हैं. ARTO प्रशासन के मुताबिक पहले कभी भी इतनी ज्यादा संख्या में गाड़ियों को कमर्शियल से पर्सनल में तब्दील नहीं किया गया है. आंकड़े कोरोना और लॉकडाउन के बाद से ही बढ़ने शुरू हो गए हैं, जिसका खामियाजा परिवहन विभाग को भुगतना पड़ रहा है.
करीब एक करोड़ सलाना का होगा नुकसान
बता दें कमर्शियल वाहनों से परिवहन विभाग को काफी रेवेन्यू मिलता था. लेकिन पिछले साल 700 के करीब वाहनों के प्राइवेट में कन्वर्ट होने से विभाग और सरकार को करीब 1 करोड़ रुपये सालाना का चूना लगेगा. अगर सरकार और विभाग इस ओर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले दिनों में ये आंकड़े बढ़ भी सकते हैं. जिसका सीधा नुकसान सरकार के खजाने में हो सकता है.