नई दिल्ली/नोएडा:कुत्तों की वफ़ादारी के किस्से आपने तमाम सुने होंगे लेकिन इस रिपोर्ट में एक ऐसे ट्रस्ट कर बारे में जानेंगे जो कुत्तों से वफादारी की नई रेखाएं खींच रही है. हम बात कर रहे हैं अर्थलिंग ट्रस्ट की, सेक्टर-127 में तकरीबन 120 बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रहा है. दितेज गर्ग ने बताया कि ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया है. बता दें क्योंकि सेक्टर-127 डूब क्षेत्र में है. ऐसे में बिजली की व्यवस्था के लिए सोलर पैनल का इस्तेमाल किया जाता है और बेसहारा कुत्तों को सर्द रातें गुज़ारने के लिए अंगीठी-कोयले जलाया जाता है.
120 बेसहारा डॉग्स का 'सहारा' बना ट्रस्ट
अर्थलिंग ट्रस्ट के संस्थापक दितेज गर्ग ने बताया कि 2 साल पहले कारवां शुरू हुआ. धीरे-धीरे संख्या बढ़ने लगी है. तकरीबन 120 से ज़्यादा बेसहारा डॉग्स की देखभाल और बीमार डॉग्स का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सबसे ज़्यादा संख्या देसी डॉग्स की है, जो सड़कों पर बेसहारा या बीमार पाए जाते हैं. तकरीबन 48 डॉग्स हैं जिनका इलाज़ किया जा रहा है. ट्रीटमेंट, बूढ़े और पैरालाइज डॉग्स और रिकवर्ड डॉग्स का अलग-अलग सेक्शन बनाया है, ताकि सभी डॉग्स का प्रॉपर ट्रीटमेंट हो सके.