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Published : Mar 14, 2021, 8:45 PM IST

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नोएडा: युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने "रंजीत", एक हाथ से लगाते हैं चौके-छक्के

नोएडा जिले के दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी रंजीत आज युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं. वे पैरालाइज होने के बाद भी साल 1991 से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं, लेकिन 1 जून, 2018 को एक हादसे में उनका एक हाथ भी कट गया. इसके बाद भी उन्होंने हौसला नहीं हारा और लगातार क्रिकेट खेलकर कई ट्रॉफियां अपने नाम कर रहे हैं.

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युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने "रंजीत"

नई दिल्ली/नोएडा:"मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं, जिनके सपनों में जान होती है. पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है" ये कहावत दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी रंजीत पर बिल्कुल सटीक बैठती है. दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी रंजीत मूल रूप से बिहार के मुंगेर जिले के हैं. साल 1991 से क्रिकेट खेल रहे हैं. 1 जून, 2018 को एक हादसे में अपना हाथ गंवा बैठे, लेकिन दिल में कुछ कर गुजरने की चाहत के चलते रंजीत लाखों लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. इन्हें क्रिकेट खेलता देख लोग अचंभा करते हैं, लेकिन जिंदादिली से लबरेज़ रंजीत कुमार के हौसले की तारीफ़ चौतरफ़ा हो रही है.

युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने "रंजीत"

हादसे में गवां बैठे एक हाथ

मूल रूप से बिहार के मुंगेर के रहने वाले रंजीत कुमार साल 1991 से क्रिकेट खेल रहे हैं. 1999 में PCCI (फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेट एसोसिएशन) के बैनर तले क्रिकेट की शुरुआत हुई. रंजीत कुमार का जन्म के वक़्त से एक हाथ में पैरालिसिस था, लेकिन उन्होंने अपने जज्बे को कायम रखा. लेकिन 1 जून, 2018 के बाद से उनकी जिंदगी बदल गई, जब एक रोड हादसे में अपना हाथ गंवा बैठे. हादसे में 7 लोगों की मौत हुई, लेकिन रंजीत कुमार किस्मत के धनी थे और बच गए और आज लाखों-करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं.

कौन-कौन से खेले टूर्नामेंट
1. साल 1991 में पीसीसीआई से करियर की शुरुआत की
2. साल 2004 में रणजी क्रिकेट मैच खेला
3. साल 2003, 2005 और 2007 में ईरानी ट्रॉफी (रेस्ट ऑफ इंडिया) खेली और जीती
4.साल 2005 में इंडिया और इंग्लैंड के बीच दिव्यांग इंटरनेशनल क्रिकेट मैच खेला और जीता

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BCCI और सरकार से मदद की उम्मीद
T-10 वर्ड दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजक राजीव मिश्रा ने बताया कि दिव्यांगों को भी मुख्यधारा से जोड़ने के लिए दिव्यांग वर्ल्ड क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि इससे पहले आज तक इतने बड़े स्तर पर दिव्यांगों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन नहीं हुआ है. इस टूर्नामेंट में दिव्यांग महिलाओं की टीम ने भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया. उन्होंने कहा कि सरकार के बीसीसीआई की तरफ से फिलहाल कोई मदद नहीं मिली है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में मिलेगी. दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट बोर्ड अब इस हालत पर पहुंच गया है कि उसे मदद की जरूरत है.

"अगले वर्ष से दिव्यांग प्लेयर्स का होगा ऑक्शन"
आयोजक ने बताया कि अगले साल भी वर्ड टी-10 दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होगा और दिव्यांगों के लिए कुछ किया जा सके. इसको ध्यान में रखते हुए इन क्रिकेटरों का ही T-20 क्रिकेट की तर्ज पर दिव्यांग प्लेयर्स का ऑक्शन होगा. अगले साल भी टी-10 दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन होगा और नोएडा स्टेडियम में खेला जाएगा.

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