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"नेक काम की कोई उम्र नहीं होती', श्रमिकों की आंखों में दिखा दर्द: निहारिका - Niharika helped laborer

राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में झारखंड के 3 कामगारों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए क्लास 8 की छात्रा निहारिका द्विवेदी ने अपने पिगी बैंक से मदद की और हवाई जहाज से उनके घर भिजवा कर मानवता की मिसाल पेश की.

Niharika Dwivedi
निहारिका द्विवेदी

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Published : Jun 3, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Jun 3, 2020, 7:50 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नेक काम की कोई उम्र नहीं होती, इसको क्लास 8 निहारिका द्विवेदी ने यथार्थ किया है. नोएडा के सेक्टर 50 की रहने वाली निहारिका द्विवेदी ने लॉकडाउन की वजह से दिल्ली के शेल्टर होम में रह रहे झारखंड के 3 कामगारों को उनके घर पहुंचाया, निहारिका ने अपने पिगी बैंक से 48,530 निकालकर तीनों श्रमिकों को हवाई जहाज से उनके राज्य झारखंड भिजवाया और मानवता की मिसाल पेश की.

नोएडा में कक्षा 8 की छात्रा निहारिका ने अपने पिगी बैंक से की मजदूरों की मदद
श्रमिकों की आंखों में देखा दर्द

निहारिका ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए बताया कि न्यूज़ के माध्यम लोगों के दर्द को देखा, उन्होंने नानी की याद करते हुए कहा कि वह हमेशा कहती थी कि किसी के दर्द को जानना है तो उसकी आंखों में देखो, ऐसे में श्रमिकों का दर्द उनके चेहरे और उनके आंखों में साफ झलकता है. देश निर्माण में मजदूरों का बड़ा योगदान रहा ऐसे में महामारी के दौरान श्रमिकों की सहायता करना हमारा भी फर्ज है.

परिवार के तीनों लोगों को झारखंड भेजा

निहारिका ने जानकारी देते हुए बताया कि एक ही परिवार के तीन लोगों को उन्होंने झारखंड भेजा है. पिगी बैंक में जोड़े रुपयों से श्रमिकों को फ्लाइट से झारखंड भेजा है. जो लोग लॉकडाउन की वजह से यहां फंस गए थे.


नेक काम की कोई उम्र नहीं होती

क्लास 8 की स्टूडेंट निहारिका ने कहा कि नेक काम की कोई उम्र नहीं होती, लोगों से अपील करते हुए कहा कि पहली बार लोगों ने देश में महामारी का माहौल देखा है ऐसे में अपने सामर्थ्य के हिसाब से गरीबों की मदद करें.

Last Updated : Jun 3, 2020, 7:50 PM IST

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