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नोएडा जिला कारागार में जागरूकता अभियान, नुक्कड़ नाटक से दिया गया जेल में नशा मुक्ति का संदेश

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Published : Aug 19, 2022, 10:49 AM IST

India Vision Foundation ने नुक्कड़ नाटक के जरिए जेल में नशा मुक्ति का संदेश देकर शराब से होने वाले नुकसान को समझाते हुए मनोरंजक कहानी दिखाने की कोशिश की गयी, ताकि जेल से छूटने के बाद कैदी फिर से नशे के आदी न बनें. जानिए क्या थी नुक्कड़ नाटक की कहानी

Awareness Campaign in Noida District Jail For Drug De Addiction
नोएडा जिला कारागार में नुक्कड़ नाटक से जागरूकता अभियान

नई दिल्ली/ ग्रेटर नोएडा : नई दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था इण्डिया विजन फाउण्डेशन ( India Vision Foundation) के माध्यम से नोएडा जिला कारागार (Noida District Jail) लुक्सर में बंदियों के बीच नशा मुक्ति का संदेश (Message of drug de-addiction among Prisoners) देने के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन (Awareness Campaign by Street Play) किया गया. इसके द्वारा उनको शराब से होने वाले नुकसान व शराब के नशे के चलते होने वाले अपराध के बारे में जानकारी देकर जागरूक बनाने की कोशिश की गयी.

इस दौरान कैदियों को जानकारी देते हुए बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट (World Health Organization Report) के अनुसार शराब सेवन से ही पूरे विश्व में हर साल करीब 20 लाख लोगों की मौत हो जाती है. वहीं नशा कई अन्य गंभीर बीमारियों और अपराध की भी वजह बनता है.

नोएडा जिला कारागार के जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह द्वारा यह समझाया गया कि कारागार में बड़ी संख्या में ऐसे बंदी बंद हैं, जो नशे की लत के कारण अपराध कर बैठे हैं. नशे में व्यक्ति के स्वास्थ्य को तो क्षति पहुंचती ही है, साथ में वह अपना विवेक भी खो देता है. ऐसे में कारागार प्रशासन द्वारा नई दिल्ली की स्वयंसेवी संस्था इण्डिया विजन फाउण्डेशन के द्वारा विशेष तौर पर व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया और उसके अंतर्गत नुक्कड़ नाटक का आयोजन करके नोएडा जिला कारागार में कैदियों को जागरूक करने की कोशिश की गयी. साथ में यह भी समझाने की कोशिश की गयी कि बंदी कारागार से मुक्त होने के उपरांत पुनः नशे की लत में न पड़ें और अपराध से बच सकें.

नुक्कड़ नाटक की कहानी

नोएडा जिला कारागार में किए गए नाटक में ओमप्रकाश एक रिटायर्ड अध्यापक हैं. परिवार में दो बेटे और एक बेटी है. दोनों ही बेटे नशे की लत में डूबे रहते हैं. ऐसे में घर की बेटी पूरे घर का खर्च चलाती है. बेटे गौरव और नवीन हर वक्त नशे में धुत्त रहते हैं. नशे की लत के चलते गौरव कभी श्याम को मरा हुआ बताकर लोगों से भीख में पैसे मांगता है तो कभी अपने बाप और बहन से झगड़ा करता है. अन्त में नशे के लिए उनकी पैसे की मांग इतनी बढ़ जाती है कि वो अपने पिता की हत्या तक कर देते हैं.

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इस अवसर पर स्वयंसेवी संस्था इण्डिया विजन फाउण्डेशन से रहव श्रीवास्तव, मिथुन प्रताप सिंह, गगन शर्मा तथा कारागार प्रशासन से जेल अधीक्षक अरूण प्रताप सिंह, जेलर अजय कुमार सिंह एवं जेलर जितेन्द्र प्रताप तिवारी तथा कारागार के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों सहित कई बंदी उपस्थित मौजूद रहे.

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