नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में हवा की सेहत दिनों दिन बिगड़ती जा रही है. जिले में ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 290 और नोएडा के एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के करीब दर्ज़ किया गया है. दीपावली के बाद से लगातार दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में पहुंच जाता है. ऐसे में बढ़ते खतरे को देखते हुए 15 अक्टूबर से ग्रेप ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया गया है. 15 अक्टूबर से डीजल जेनरेटर चलाने पर पाबंदी की गई है.
गौतमबुद्ध नगर: हवा में घुलने लगा जहर, चिंताजनक स्तर पर शहर का AQI
ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 290 और नोएडा के एयर क्वालिटी इंडेक्स 250 के करीब दर्ज़ किया गया है. जिसको देखते हुए 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है.
गौतमबुद्ध नगर में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिती में पहुंच गया है. वायु की गुणवत्ता को 6 कैटेगरी में मापा जाता है. अच्छा, संतोषजनक, मध्यम, खतरनाक, बेहद खतरनाक और गंभीर. माना जाता है कि वायु की गुणवत्ता जब खतरनाक स्तर पर आती है तो लंबे वक्त तक खुले में रहने से सांस लेने में समस्या शुरू हो जाती हैं. वहीं जब यह स्तर बेहद खतरनाक हो जाता है तो फेफड़े की समस्याएं का खतरा बढ़ जाता है. जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो माना जाता है कि एक स्वस्थ आदमी को सांस लेने में समस्या, आंखों में जलन, सिर दर्द और कई तरीके की नई बीमारियां शरीर में जन्म लेने लगती हैं.
लगातार खराब हो रही स्थिति को देखते हुए ईपीसीए ने 15 अक्टूबर से डीजल जनरेटर पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगा दिया है. 15 अक्टूबर से ग्रेप लागू होते ही कई तरीके के प्रतिबंध भी लग जाते हैं. जैसे डीजल जनरेटर, कंस्ट्रक्शन वर्क, ईट भट्टे और कूड़ा जलाने पर पूरी तरीके से प्रतिबंध हो जाता है. आदेशों की अवहेलना करने पर कार्रवाई की जाती है.