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ग्रेटर नोएडा: बेजुबान जानवरों को खाना खिला रही एक्टिव सिटीजन टीम

ग्रेटर नोएडा की एक्टिव सिटीजन टीम पितृ पक्ष में लोगों की मदद के लिए आगे आई है. लोग टीम को आर्थिक मदद के तौर पर पैसे देते हैं, जिससे बेजुबान जानवरों को टीम खाना खिलाती है. इसी एक पुण्य का काम माना जाता है. ऐसा करने से पितृ खुश भी होते हैं.

active citizen team feeding animals to help people in pitru paksha at greater noida
श्राद्ध में पितरों को खुश कराने में मदद कर रही एक्टिव सिटीजन टीम

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Published : Sep 15, 2020, 7:26 AM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा:इस बार पितृ पक्ष 2 सितंबर से 17 सितंबर तक चलेगा. इसको लेकर श्राद्ध में पितरों को खुश करने के लिए लोग बेजुबान जानवरों को खाना खिलाते हैं. ऐसे में ग्रेटर नोएडा की एक्टिव सिटीजन टीम को लोग श्राद्ध में जानवरों को भोजन कराने के लिए खाना देते हैं.

श्राद्ध में पितरों को खुश कराने में मदद कर रही एक्टिव सिटीजन टीम

ग्रेटर नोएडा में बेजुबान जानवरों को रोजाना सुबह-शाम भोजन कराने का नियम एक्टिव सिटीजन टीम ने बना लिया है. एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने बताया कि इन दिनों श्राद्ध का समय चल रहा है, तो लोग उन्हें फोन कर अपने पित्तरों को खुश करने के लिए आर्थिक मदद के तौर पर पैसे देते हैं. जिससे वह बेजुबान जानवरों को फल, दूध समेत कई खाने का सामान खरीद कर जानवरों को देते हैं. जिससे जिनके घर में पितरों का पूजन होता है, वह भी खुश होते हैं क्योंकि उनके द्वारा दी गई आर्थिक मदद सीधे जानवरों तक पहुंचती है. इसी एक पुण्य का काम माना जाता है.

जन्मदिन पर भी लोग खुद खिलाते भोजन

एक्टिव सिटीजन टीम के सदस्य हरेंद्र भाटी ने बताया कि उनके द्वारा लॉकडाउन के बाद से लगातार बेजुबान जानवर जैसे कुत्ते, बंदर और गायों को सुबह-शाम भोजन कराया जाता हैं. कुत्तों के लिए दूध गाय के लिए चारा और बंदरों को केला, चना आदि देते हैं. ग्रेटर नोएडा में अगर किसी का जन्मदिन होता है, तो वह एक्टिव सिटीजन टीम को पैसे से मदद करते हैं या फिर कुछ सामान खरीद कर उनके साथ जानवरों को खाना बांटने जाते हैं.

पुण्य के काम में सभी होते शरीक

किसी को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य का काम कहलाता है. इसी पुण्य कार्य में एक्टिव सिटीजन टीम के सभी सदस्य शामिल होते हैं. टीम के संस्थापक सरदार मंजीत सिंह समेत हरेंद्र भाटी, मुकुल गोयल, मनोज गर्ग, आलोक सिंह, सुनील नागर, राहुल नंबरदार, विनोद कसाना आदि लोग शामिल रहते हैं.

क्या होता है पितृ पक्ष

पितृपक्ष में लोग पितरों को याद करते हैं और श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान आदि करते हैं. माना जाता है कि पितरों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने वालों के घर में सुख-शांति का वास होता है. यह भी कहा जाता है कि पितरों का कर्ज एक जन्‍म में नहीं चुकाया जा सकता, इसलिए उनके निधन के बाद भी श्राद्ध करते रहने से पितृ ऋण चुकाया जा सकता है. श्राद्ध के दौरान लिए गए संकल्‍प में से पितरों को कुछ न कुछ अवश्‍य प्राप्‍त होता है.

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