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नोएडा: बाढ़ की चपेट में आए 77 गांव, तिलवाड़ा के 20 लोग फंसे - etv bharat

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तटीय गांवों में यमुना इन दिनों कहर बरपा रही है. इसकी चपेट में 77 गांव हैं. ग्रेटर नोएडा के इलाके में पड़ने वाला गांव तिलवाड़ा, घरबरा और मोतीपुर इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

नोएडा में बाढ़ का कहर etv bharat

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Published : Aug 21, 2019, 10:39 AM IST

Updated : Aug 21, 2019, 11:20 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा:हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 8 लाख क्यूसेक पानी अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा के तटीय गांव में कहर ढहाने लगा है. इसकी चपेट में नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 77 गांव आ गए हैं. ग्रेटर नोएडा के इलाके में पड़ने वाले गांव तिलवाड़ा, घरबरा और मोतीपुर इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.

नोएडा में बाढ़ का कहर

मौके पर पहुंचे स्थानीय विधायक
पानी के अचानक बढ़ने से तिलवाड़ा गांव के 20 से 30 लोग नदी के दूसरे छोर पर फंस गए हैं. गांव वापस लौटने के लिए वो प्रशासन से लगातार मदद की गुहार लगा रहे हैं.

उनके साथ कई मवेशी भी फंसे हुए हैं. उनकी मदद के लिए प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय विधायक भी मौके पर पहुंचे और सभी को सुरक्षित निकालने का आश्वासन दिया है.

मदद के लिए नावों की व्यवस्था
कभी कमर तक रहने वाला यमुना का पानी आज खौफनाक ढंग से हिलोरे मार रहा है. लोग पानी के इस विशाल और रौद्र रूप को देख खौफजदा हैं. उनके जहन में साल 1978 की यादें ताजा हो गई हैं. जब यमुना के पानी ने पूरे इलाके में तबाही मचाई थी.
तिलवाड़ा गांव के मौजूदा लेखपाल शासन की तरफ से इस मामले पर नजर रखे हुए हैं. बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि मैं तीन दिन से लगातार इन लोगों को समझा रहा था, कि नदी के पार ना जाएं लेकिन यह नहीं माने. वहीं लोगों का कहना है कि इससे हमारी फसलों को बहुत नुकसान हो जाएगा. इनकी मदद के लिए नावों की व्यवस्था की जा रही है.

40 साल में सबसे ज्यादा पानी इस बार छोड़ा गया
नोएडा, ग्रेटर नोएडा के तटीय क्षेत्रों में बसे गांव का दौरा कर रहे स्थानीय विधायक भी लोगो के फंसे हुए होने की जानकारी पाकर तिलवाड़ा गांव पहुंच गए. उन्होंने कहा कि अगर नाव से निकालना संभव नहीं हुआ, तो मैं मोटरबोट की व्यवस्था करवाता हूं.
वो कहते हैं कि 40 साल में सबसे ज्यादा पानी इस बार छोड़ा गया है. अगर पानी घरों तक पहुंचता है, तो लोगों को निकालने की उनके पास पूरी व्यवस्था है. इसके अलावा विधायक ने बताया कि इन तटीय गांव तक पहुंचने के लिए सड़क व्यवस्था सही नहीं है. जिसे दुरुस्त कराया जा रहा है ताकि देर रात किसी तरह की आपात स्थिति होने पर लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

21 तारीख को 12 बजे तक जलस्तर और बढ़ेगा
चालीस साल में हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी सबसे ज्यादा है. जिसकी वजह से 21 तारीख को 12 बजे तक जलस्तर और बढ़ेगा. सूचना है की एक से डेढ़ लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा जा सकता है. प्रशासन अपनी तरफ से पुख्ता प्रबंध होने की बात कह रहा है.

Last Updated : Aug 21, 2019, 11:20 AM IST

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