नई दिल्ली/नोए़डा :कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद लगातार तमाम राज्य सरकारों और प्रशासन पर मृतकों के आंकड़े छुपाने के आरोप लग रहे हैं. मृतकों के आंकड़ें और श्मशान घाट में अंतिम संस्कार होने वाले शवों में कई जगहों से अंतर की शिकायतें सामने आई है.
इसी कड़ी में आंकड़ों का खेल जानने ईटीवी भारत की टीम ने नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास श्मशान घाट का दौरा किया और सरकारी आंकड़ों के खेल को समझने की कोशिश की. अंतिम निवास के रजिस्टर को देखने से पता चलता है कि अंतिम निवास में प्रतिदिन करीब 70 लोगों का दाह संस्कार किया जा रहा है.
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श्मशान में कोरोना मृतकों का अंतिम संस्कार सुबह 8:30 बजे से शाम के 6:00 बजे तक किया जा रहा है. अंतिम निवास पर तैनात गार्ड का कहना है कि लगातार शवों को लेकर एंबुलेंस कतार में लगी हुई है. घंटों इंतजार के बाद शवों का नंबर आ रहा है.
अंतिम निवास में प्रतिदिन 70 लोगों का हो रहा अंतिम संस्कार
गौतम बुध नगर जिला प्रशासन की तरफ से कोविड-19 से जिले में मरने वालों की संख्या प्रतिदिन 10 से 12 बताई जा रही है लेकिन वहीं सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास में प्रतिदिन करीब 70 लोगों का दाह संस्कार हो रहा है. अंतिम निवास के रजिस्टर के आंकड़ों और जिला प्रशासन की तरफ से जारी रिपोर्ट में काफी विरोधाभास दिखाई देता है.
प्रशासन के आंकड़ों पर उठते सवाल
बता दें कि प्रशासन की तरफ से बताया गया है कि गुरुवार तक कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 202 है जबकि अंतिम निवास के रजिस्टर को देखा जाए तो महज अप्रैल माह में अब तक 1500 से अधिक लोगों का अंतिम संस्कार किया जा चुका है जो कोरोना वायरस से पॉजिटिव थे. इसके साथ ही जिले के कुछ अन्य जगहों पर भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जा रही है.
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इस संबंध में वहां तैनात गार्ड बताते हैं कि सुबह से एंबुलेंस की लाइन लगी हुई है. एक के बाद एक एंबुलेंस आ रही है और उसमें कोरोना मृतकों का शव है. श्मशान में रजिस्टर में एंट्री करने के बाद अंतिम संस्कार किया जाता है.