नई दिल्ली/नोएडा:नोएडा और ग्रेटर नोएडा की हवा में जहर दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है. तमाम इंतजामों के बाद भी प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. शहर वासियों को बीते 1 हफ्ते बाद स्मॉग की चादर से राहत मिली है. तेज धूप और हवाएं चलने से काफी राहत मिली है.
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में 330 AQI GRAP ( ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के तहत जिला प्रशासन, अथॉरिटी और UPPCB के सख्त कदम उठाने का असर भी देखने को मिल रहा है. एनसीआर में इस समय गौतमबुद्ध नगर सबसे प्रदूषित शहर है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा वायु गुणवत्ता सूचकांक 330 के पार दर्ज किया गया है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 278 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 385 दर्ज किया गया है.
ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में ग्रुप के नियमों का सख्ती से पालन में उसको अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा, ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन इंस्टॉल किए हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन में 351 AQI, सेक्टर 125 का स्टेशन में 321 AQI, सेक्टर 1 में 308 AQI और सेक्टर 116 में 350 AQI दर्ज किया गया है. जिले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है.
अगर इस ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी. लगातार बढ़ता AQI जिला प्रशासन के लिए रेड अलर्ट है.
राहत की सांस
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में लगातार बढ़ रहे एयर क्वालिटी इंडेक्स जिला प्रशासन और अथॉरिटी के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. बीते दिनों AQI गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था. लेकिन जिला प्रशासन और नोएडा अथॉरिटी के एक्शन प्लान के तहत एक यूआई से लोगों को राहत मिली है. हालांकि स्थिति अभी भी खतरनाक श्रेणी में है.
क्या होता है AQI
एयर क्वालिटी इंडेक्स या वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है. साथ इसके जरिए भविष्य में होने वाले प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.