नई दिल्ली/नोएडा : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के शो विंडो कहे जाने वाले नोएडा के कमिश्नरी में दो साल के अंदर पुलिस के तमाम कारनामे देखने को मिले. एक नया कारनामा फिर सामने आया है, जिसमें एसओजी (SOG) टीम के प्रभारी और उनके मातहतों ने एक शातिर बदमाश को छोड़ने के नाम पर लाखों रुपये और कार लिए, उसके बाद मुलजिम को छोड़ दिया गया. इस मामले का खुलासा तब हुआ जब आरोपी जनपद गाजियाबाद में पकड़ा गया और पूछताछ में बात खुलकर सामने आई. घटना की जानकारी जब नोएडा के आला अधिकारियों को हुई तो इस मामले में पुलिस कमिश्नर द्वारा डीसीपी स्तर पर जांच करने का आदेश दिए गए.
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पुलिस सूत्रों की मानें तो करीब डेढ़ से दो महीने पूर्व नोएडा के एसओजी प्रभारी द्वारा मेहराज नाम के एक एनसीआर क्षेत्र के शातिर बदमाश को पकड़ा गया था, जो एटीएम हैक (ATM hack) और एटीएम काटकर लूट और चोरी की वारदात को अंजाम देता था. उसे छोड़ने के लिए 25 लाख रुपये और क्रेटा कार ली गई, जिसके बाद मेहराज को छोड़ दिया गया. छूटने के बाद बदमाश किसी वारदात को अंजाम देने गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र पहुंचा. वहां की पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उससे जब पूछताछ की गई तो नोएडा के एसओजी प्रभारी के कारनामे खुलकर सामने आए. इस संबंध में गाजियाबाद पुलिस द्वारा प्रदेश के डीजीपी (DGP), एडीजी (ADG) और आईजी (IG) को जानकारी दी गई और मामले की जांच शुरू कर दी गई है.
वहीं जब इस प्रकरण की जानकारी नोएडा पुलिस के आला अधिकारियों को हुई तो आनन-फानन में आला अधिकारी ने डीसीपी क्राइम (DCP crime) को मामले की जांच सौंपी दी है. मीडिया सेल (media cell) से मिली जानकारी के अनुसार, एसओजी प्रभारी के कारनामे की जांच के संबंध में पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह द्वारा डीसीपी क्राइम अभिषेक कुमार को जांच सौंपी दी गई है. पुलिस का कहना है कि दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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